गूगल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गूगल प्लस को बंद करने का फैसला किया है. कंपनी ने सोमवार को ये जानकारी देते हुए कहा कि उसने सोशल नेटवर्किंग साइट को बंद करने से पहले उसने उस बग को ठीक कर लिया था, जिसकी वजह से 5 लाख लोगों के अकाउंट में प्राइवेट डेटा में सेंध लगाई गई थी.
कंपनी ने गूगल प्लस को बंद करने का बयान वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के बाद अपने पर्सनल ब्लॉग पर दिया. जिसमें कहा गया था कि गूगल+ के 5 लाख यूजर्स के डेटा में सेंध लगी है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि 2015 से मार्च 2018 तक डेटा तक पहुंच संभव थी.
अमेरिका की दिग्गज इंटरनेट कंपनी ने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए गूगल+ का सूर्यास्त हो गया है. यह सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को चुनौती देने में विफल रही थी. गूगल के एक प्रवक्ता ने गूगल प्लस बंद करने की मुख्य वजह बताते हुए कहा कि गूगल प्लस को बनाने से लेकर प्रबंधन में काफी चुनौतियां थीं जिसे ग्राहकों के आशा के अनुरूप तैयार किया गया था, लेकिन इसका कम इस्तेमाल किया जाता था.
हालांकि गूगल ये भी कह रहा है कि जिस बग यानी गड़बड़ी की वजह से डेटा में सेंध लगी, उसे ठीक लिया गया है. इस ऐलान के बाद गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयर में 2.6 प्रतिशत की गिरावट नजर आई.
फेसबुक में भी आई थी डेटा लीक की खबर
कुछ महीने पहले ही न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स का डेटा चोरी हो गया था. जिससे फेसबुक को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी. इसके बाद जून 2018 में खबर आई कि फेसबुक के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते करीब डेढ़ करोड़ यूजर्स का डेटा पब्लिक हो गया. फेसबुक ने इसको लेकर खेद जताया था. जारी बयान में कहा गया था कि ये गड़बड़ियां 18 मई से 27 मई के बीच सामने आई थीं.
क्या थी गड़बड़ी?
फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग में बग आ जाने के चलते, यह यूजर्स की प्राइवेट पोस्ट को भी पब्लिक कर दे रहा था. भले ही यूजर ने किसी भी पोस्ट को प्राइवेट सेटिंग में जाकर ‘फ्रेंड्स’, ‘स्पेशिफिक फ्रेंड’ या ‘ओनली मी’ ही सिलेक्ट क्यों न कर रखा हो.
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