Apple के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स ने पहले iPhone को लॉन्च करते वक्त कहा था-‘’हम इतिहास बनाने जा रहे हैं.’’तारीख थी 9 जनवरी, 2007. ये बात उस वक्त टेक इंडस्ट्री या लोगों को भले ही न समझ आई हो, लेकिन 11 साल बाद जॉब्स का बोला गया हर शब्द हकीकत बन चुका है.
कंपनी इस साल 2 अगस्त को 1 ट्रिलियन डॉलर यानी 1 लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा छूने वाली पहली कंपनी बनी. Apple की इन सारी उपलब्धियों के बीच सबसे बड़ा योगदान आईफोन का है. अब 12 सितंबर को कंपनी का इवेंट है, इस बार भी कंपनी iPhone के नए मॉडल लॉन्च कर सकती है.
Apple की सोने के अंडे देने वाली मुर्गी iPhone
साल 1976 में बनी इस कंपनी का रेवेन्यू शुरुआत में ज्यादातर मैक कम्प्यूटर्स और आइपॉड से ही आता था, फाइनेंशियल ईयर 2006 में कंपनी का रेवेन्यू 19 बिलियन डॉलर था. साल 2007 में आईफोन के लॉन्चिंग के बाद कंपनी का रेवेन्यू तेजी से बढ़ता गया और अब फाइनेंशियल ईयर 2017 में इसका रेवेन्यू 12 गुने से ज्यादा बढ़कर 229 बिलियन डॉलरहो गया है.
iPhone में ऐसा क्या खास है?
साल 2003 के दौरान एपल कंपनी मैक कम्प्यूटर्स को और खास बनाने के लिए उसके स्क्रीन पर काम कर रही थी. ये वो दौर था, जब मोबाइल फोन का मार्केट हथियाने की शुरुआत हुई थी. ऐसे में कंपनी ने नया सीक्रेट प्रोजेक्ट शुरू किया. इसे नाम दिया गया, ‘प्रोजेक्ट पर्पल’.
हजारों इंजीनियरों की टीम लगातार काम कर रही थी. पूरी टीम का सपना सच हुआ और पहला iPhone मल्टीटच फीचर के साथ लॉन्च हुआ. आज इसे टच स्क्रीन भी कहा जाता है. 8GB की इंटरनल मेमोरी वाले इस स्मार्टफोन को जल्द ही अपग्रेड करके इसका नया 3G मॉडल भी लॉन्च किया गया. इसके बाद एक के बाद एक कंपनी ने अबतक 18 मॉडल लॉन्च किए हैं.
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