ब्रिटेन डेटा एनालिटिक्स फर्म ‘कैंब्रिज एनालिटिका’ ने सिर्फ 5 करोड़ लोगों का नहीं बल्कि 8 करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर्स का निजी डेटा गलत तरीके से हासिल किया था. ये बात खुद फेसबुक ने कुबूल लिया है. सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने स्वीकार किया कि कैंब्रिज एनालिटिका ने आठ करोड़ 70 लाख से अधिक फेसबुक यूजर्स के निजी डाटा का गलत इस्तेमाल किया है.
फेसबुक के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर माइक स्क्रोपर ने सोशल नेटवर्क के यूजर्स के लिए नया प्राइवेसी टूल लागू करने की घोषणा करते हुए एक बयान में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा,
हमारा मानना है कि फेसबुक पर 8 करोड़ 70 लाख लोगों की निजी जानकारी गलत तरीके से कैंब्रिज एनालिटिका से साझा की गई. इनमें से ज्यादातर यूजर्स अमेरिका के थे.
फेसबुक बैकफुट पर
हालांकि फेसबुक ने कहा कि कंपनी यूजर्स के निजी डेटा पर ज्यादा कंट्रोल के लिए कड़े कदम उठा रही है. निजी डेटा पर ज्यादा कंट्रोल देने और प्राइवेसी सेटिंग्स में कई बदलाव के लिए मार्च के आखिरी में बड़े बदलावों की घोषणा की थी. कंपनी तीसरे पक्ष के एप डेवलपर्स के लिए मौजूद पर्सनल डेटा को भी प्रतिबंधित कर रही है.
5 लाख 62 हजार 455 भारतीय यूजर का डेटा भी हुआ था लीक
कैम्ब्रिज एनालिटिका ने जिन 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स के डेटा शेयर किए हैं, उनमें सबसे ज्यादा यूजर्स (81.6%) अमेरिका से हैं. वहीं, इंडिया से 5 लाख 62 हजार 455 यूजर्स के डेटा भी शेयर किए गए हैं. वहीं तीसरे नंबर पर फिलीपींस है. फ्लिपिंस के करीब 11 लाख फेसबुक यूजर का डेटा लीक भी शामिल है.
क्या है कैंब्रिज एनालिटिका का झोल?
बता दें कि कैंब्रिज एनालिटिका ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप के लिए काम किया था. फर्म पर अब 8 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा को चुराने और उसका इस्तेमाल ‘चुनाव प्रचार’ में करने का आरोप है. अमेरिकी चुनाव को ध्यान में रखकर साल 2013 में ये कंपनी बनाई गई. कहा गया कि कंपनी का मकसद कंज्यूमर रिसर्च, एडवरटाइजिंग और डेटा से जुड़ी सर्विस पॉलिटिकल क्लाइंट और कॉरपोरेट क्लाइंट को देना है.
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