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Threads App: मेटा ने लॉन्च किया थ्रेड्स ऐप, क्या Twitter को दे पाएगा टक्कर?

Thread के लॉन्च होने के सात घंटे बाद इसे डाउनलोड करने वालों की संख्या 1 करोड़ हो गई है.

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मेटा (Meta) ने ट्विटर (Twitter) की तरह एक ऐप (App) लॉन्च किया है जिसका नाम थ्रेड्स (Threads) है. थ्रेड्स भी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट/ऐप ट्विटर की तरह ही है जो अब भारत में भी लॉन्च हो चुका है. इसमें 500 कैरेक्टर और 5 मिनट का वीडियो सपोर्ट है. ये इंस्टाग्राम पर आधारित ऐप है. कहा जा रहा है कि इससे ट्विटर की मुसीबत बढ़ सकती है.

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थ्रेड्स पर भी आप अपने विचारों को साझा कर सकेंगे. इस ऐप को आप प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. थ्रेड्स एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर आप लिख सकते हैं, रियल टाइम अपडेट्स देख सकेंगे, आप फोटो-वीडियोज डाल सकते हैं उसे लाइक, कमेंट कर सकते हैं. साथ ही रिपोस्ट और शेयर भी कर सकेंगे.

थ्रेड्स के मालिक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने अपने एक पोस्ट में बताया कि, थ्रेड्स के लॉन्च होने के बाद 2 घंटे में इसे डाउनलोड करने वालों की संख्या 20 लाख थी, 4 घंटे बाद ये संख्या बढ़कर 50 लाख हुई और 7 घंटों में 1 करोड़ हो गई है.

Thread के लॉन्च होने के सात घंटे बाद इसे डाउनलोड करने वालों की संख्या 1 करोड़ हो गई है.

मार्क जकरबर्ग का थ्रेड्स पर किया गया पोस्ट

(फोटो- थ्रेड्स)

Thread के लॉन्च होने के सात घंटे बाद इसे डाउनलोड करने वालों की संख्या 1 करोड़ हो गई है.

इस तरह दिखता है थ्रेड्स

(फोटो- थ्रेड्स)

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क्या ट्विटर को टक्कर दे पाएगा थ्रेड्स?

थ्रेड्स के लॉन्च होने के बाद सबके मन में एक ही सवाल है, क्या ये ट्विटर को टक्कर दे पाएगा? दरअसल, ट्विटर अब पूरी तरह से पेड हो गया है, यानी आपको ट्विटर के कई फीचर्स का इस्तेमाल करने के लिए कुछ पैसा देना होता है, ये अब पूरी तरह फ्री नहीं रहा. इसके बाद ट्विटर ने अब ट्वीटडेक के लिए भी चार्ज करना शुरू कर दिया है. भारत में ट्विटर के चार्जेज बहुत ज्यादा हैं. माइक्रो ब्लॉगिंग सेक्टर में ट्विटर ने एकाधिकार रखने का काफी फायदा उठाया. लेकिन अब थ्रेड्स भी बाजार में लॉन्च हो चुका है इसलिए ये माना जा रहा है कि, आने वाले समय में फ्री में चलने वाले थ्रेड्स पर कई यूजर्स आ सकते हैं.

हालांकि इस बात का अभी तक पता नहीं चला है कि थ्रेड्स आने वाले समय में भी फ्री रहेगा या नहीं. लेकिन अगर ट्विटर और मेटा (थ्रेड्स) कंपनियों की बैलेंस शीट पर नजर डालें तो ट्विटर की बैलेंस शीट कमजोर दिखाई देती हैं, वहीं मेटा ने कई लोगों को नौकरी से निकालने के बाद और छोटे मोटे बदलाव कर अपनी लागत को कम कर लिया है और राजस्व को अच्छे स्तर पर बरकरार रखा है.

आने वाले समय में एलन मस्क के ट्विटर और मार्क जुकरबर्ग के थ्रेड्स के बीच की लड़ाई को देखना काफी दिलचस्प होगा.

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