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TRAI चेयरमैन का पद प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने की तैयारी में केंद्र सरकार

नए दूरसंचार विधेयक के तहत विचार किए जा रहे बदलावों के मुताबिक संशोधन बाद बॉडी का अध्यक्ष प्राइवेट सेक्टर से हो सकता है.

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केंद्र सरकार, रेगुलेटरी बॉडी, TRAI (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) अधिनियम- 1997 में संशोधन करने पर विचार कर रहा है. यह संशोधन सीनियर कॉर्पोरेट अधिकारियों को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का अध्यक्ष बनने में सक्षम बनाने के लिए विशिष्ट आवश्यकताएं निर्धारित करेगा. नए दूरसंचार विधेयक के तहत विचार किए जा रहे बदलावों के मुताबिक संशोधन बाद बॉडी का अध्यक्ष प्राइवेट सेक्टर से हो सकता है.

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Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा कि पद के लिए जरूरतों में प्राइवेट सेक्टर के ऐसे व्यक्ति शामिल हो सकते हैं, जो बोर्ड पोस्ट्स पर रहे हों या मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे हों, जिनके पास कम से कम 30 वर्षों का प्रोफेशनल अनुभव हो.

नाम ना छापने की शर्त पर Indian Express से बात करते हुए अधिकारी ने आगे कहा कि

इसमें एक प्रस्ताव है कि एक व्यक्ति जिसने कभी सरकार में काम नहीं किया है, उसे TRAI के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, अगर उसके पास सीनियर स्तर पर कम से कम 30 साल का प्रोफेशनल एक्सपीरिएंस हो, जैसे- बोर्ड सदस्य या मुख्य कार्यकारी अधिकारी.

रिपोर्ट के मुताबिक इसका मतलब अनिवार्य रूप से TRAI अधिनियम, 1997 की धारा 4 में संशोधन होगा, जिसके तहत केंद्र को रेगुलेटरी बॉडी के अध्यक्ष और सदस्यों को उनके ज्ञान और अनुभव के आधार पर नियुक्त करने का अधिकार है.

इस पद के लिए अब तक प्राइवेट सेक्टर से कोई नियुक्ति नहीं हुई है, क्योंकि बुनियादी पात्रता मानदंड कभी निर्धारित नहीं किए गए थे.
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रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा, जिन बदलावों पर विचार किया जा रहा है, उनसे यह भी संकेत मिलता है कि TRAI पिछले कुछ सालों में एक नियामक के रूप में विकसित हुआ है और अब प्राइवेट सेक्टर के एक व्यक्ति के तहत अच्छा प्रदर्शन कर सकता है.

मौजूदा नियमों के मुताबिक, TRAI सदस्य को भारत सरकार में सचिव या अतिरिक्त सचिव या केंद्र या राज्य सरकार में किसी समकक्ष पद पर कम से कम तीन साल तक रहना चाहिए. हालांकि, अध्यक्ष पद के लिए कोई स्पेशल नियम नहीं हैं.

Indian Express से बात करते हुए अधिकारी ने कहा कि टेक्निकली, चेयरपर्सन को प्राइवेट सेक्टर से नियुक्त किया जा सकता था, सरकार कुछ वजहों से अब तक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करने से दूर रही है लेकिन अब जिन बदलावों पर विचार किया जा रहा है, वे निजी क्षेत्र के व्यक्तियों के लिए प्रमुख नियामक पद खोलने के लिए केंद्र की बदलती मानसिकता का संकेत देते हैं.

ज्यादातर IAS अधिकारी ही रहे हैं TRAI के अध्यक्ष

मौजूदा TRAI अध्यक्ष, पी डी वाघेला, गुजरात-कैडर 1986-बैच के IAS अधिकारी हैं और पहले फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव थे. उनके पूर्ववर्ती, आरएस शर्मा, झारखंड-कैडर 1978-बैच के IAS अधिकारी, जो 2014 से 2015 तक आईटी सचिव थे.

TRAI के पहले अध्यक्ष एस एस सोढ़ी, जो 1997 से 2000 तक पद पर थे, इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस थे. इसके दूसरे अध्यक्ष, एम एस वर्मा, जिन्होंने 2003 में कार्यालय छोड़ दिया, भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष थे. अब तक, वे केवल दो गैर-IAS अधिकारी हैं, जिन्होंने TRAI अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है.

हाल ही में, सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट- 2023 को अधिसूचित किया, जिसके तहत भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड गोपनीयता कानून के प्रमुख मध्यस्थ और प्रवर्तक के रूप में कार्य करेगा. अधिनियम बोर्ड के अध्यक्ष को प्राइवेट सेक्टर से नियुक्त करने की अनुमति देता है, बशर्ते उसके पास अन्य चीजों के अलावा डेटा गवर्नेंस, एडमिनिस्ट्रेशन या सामाजिक या उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित कानूनों के इम्प्लीमेंटेशन और विवाद समाधान में ठीक-ठाक अनुभव हो.

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