गाजा (Gaza) में इजरायली (Israel Hamas War) सेना के जारी हमलों के बीच सुर्खियों में हैं गाजा में मौजूद सुरंगों का घना नेटवर्क. इस अंडरग्राउंड नेटवर्क (Tunnels In Gaza) का अतीत में गजावासियों के लिए महत्व रहा है. कथित तौर पर हमास इनका उपयोग इजरायल पर हमलों के लिए और बंधकों को कैद में रखने के लिए करता है.
गाजा में सुरंगें कितनी लंबी हैं?

गाजा की छोटी सी पट्टी की जमीन के नीचे लगभग 1,300 सुरंगों का जाल बिछा हुआ है.
(फोटो- अरूप मिश्रा/द क्विंट)
गाजा में गुप्त सुरंगों के मकड़जाल में लगभग 1,300 सुरंगें हैं. हमास का दावा है कि सुरंगों की कुल लंबाई 500 किमी से अधिक है. यह चौंकाने वाला आंकड़ा है क्योंकि गाजा का पूरा क्षेत्र केवल 41 किमी लंबा और 10 किमी चौड़ा है. जब आप इसकी तुलना दिल्ली मेट्रो से करेंगे तो दिल्ली मेट्रो की लंबाई लगभग 393 किमी है.
इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने इस नेटवर्क को "गाजा मेट्रो" का नाम दिया है. ऐसा माना जाता है कि कुछ सुरंगें जमीन से लगभग 30 मीटर (100 फीट) नीचे हैं. इसका वास्तविक आकार क्या है, ये तो अभी तक किसी को नहीं मालूम.

हमास का दावा है कि इन सुरंगों की कुल लंबाई 500 किमी से अधिक है.
(फोटो- अरूप मिश्रा/द क्विंट)
गाजा की सुरंगें ऑपरेशन में कब आईं?
गाजा में इन सुरंगों को 1980 के दशक से देखा गया है. 2006-07 में गाजा में हमास के सत्ता में आने के बाद से सुरंग नेटवर्क का बड़े पैमाने पर विकास किया गया.
इन सुरंगों का क्या फायदा होता है?

सीमा पर नाकेबंदी को दरकिनार करते हुए, सुरंगों का उपयोग ज्यादातर गाजा के अंदर ईंधन, भोजन, दवाओं और अन्य वस्तुओं की तस्करी के लिए किया जाता है.
(फोटो- अरूप मिश्रा/द क्विंट)
2007 में गाजा की नाकेबंदी के बाद, सुरंगों का इस्तेमाल, विशेष रूप से उन सुरंगों का जो रफा सीमा (मिस्र के साथ सीमा) के पास हैं, उनका उपयोग मिस्र से नागरिकों के लिए ईंधन, भोजन और दवाओं की तस्करी के लिए किया गया है. हालांकि, मिस्र सरकार की कार्रवाई के कारण इनमें से कई सुरंगें नष्ट हो गई हैं.
कई सुरंगें आबादी वाले शहरी क्षेत्रों के नीचे हैं, और हमास द्वारा इन सुरंगों में हथियार स्टोर किए जाते हैं और सैन्य अभियानों के लिए कमांड सेंटर के रूप में भी सुरंगों का इस्तेमाल होता है उपयोग की जाती हैं. पहले इन सुरंगों से हथियार, उपकरण और लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता था.
7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए हमले में इन सुरंगों का इस्तेमाल किया गया?

ऐसा संदेह है कि 7 अक्टूबर के हमले से पहले हमास द्वारा इजरायल में अज्ञात रूप से प्रवेश करने के लिए सीमाओं के पास सुरंगों का उपयोग किया गया था.
(फोटो- अरूप मिश्रा/द क्विंट)
कथित तौर पर सीमाओं के पास सुरंगों का उपयोग हमास द्वारा इजरायल में घुसपैठ और हमलों के लिए किया गया है. विशेषज्ञों को संदेह है कि इन सुरंगों ने 7 अक्टूबर के हमले के दौरान हमास के इजरायल में अज्ञात घुसपैठ में प्रमुख भूमिका निभाई होगी.
हवाई निगरानी के जरिए इन सुरंगों के माध्यम से होने वाली गतिविधियों का पता नहीं लगाया जा सकता है. ये सुरंगें कथित रूप से मस्जिदों और स्कूलों जैसी सार्वजनिक इमारतों के पास खुलती है.
हाल ही में इन सुरंगों का इस्तेमाल इजरायल के बंधकों को रखने के लिए किया गया है. हमास द्वारा रिहा किए गए इजरायली बंधकों में से एक योचेवेद लिफ्शिट्ज ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "यह मकड़ी के जाल जैसा था, कई सारी, कई सुरंगें... हम जमीन के नीचे कई किलोमीटर तक चले."
आईडीएफ का दावा है कि हर सुरंग को बनाने में लगभग 3 मिलियन डॉलर की लागत आई होगी और उसने आरोप लगाया है कि हमास निर्माण के लिए सहायता राशि का दुरुपयोग कर रहा है.
इजरायल ने 2021 में, एक घातक इजरायली हवाई हमले में तीन सुरंगों को तबाह करने की योजना बनाई थी लेकिन इस दौरान तीन आवासीय इमारतें तबाह हुईं जिसमें 42 नागरिक मारे गए.

ये सुरंगें अब इजरायली सेना के लिए गाजा पर आक्रमण करने में बाधा बन रही हैं
(फोटो- अरूप मिश्रा/द क्विंट)
इन सुरंगों का फायदा हमास को मिल रहा है क्योंकि वे उस नेटवर्क के बारे में वे अच्छी तरह से जानते हैं. अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि इन सुरंगों में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज) और अन्य खतरनाक चीजों से लैस हो सकते हैं, जिससे इजरायल को जमीनी हमला करने में चुनौती का सामना करना पड़ेगा.
फिलहाल ये सुरंगें इजरायली सेना के लिए जमीनी हमले में बड़ी बाधा बनकर खड़ी हैं. अगर इजरायल सीधे जमीनी हमला कर देता है तो इसमें हमास द्वारा बंधक बनाए इजरायली मारे जा सकते हैं.
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