14 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras) में दलित लड़की के साथ कुछ युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था. लड़की के साथ मारपीट भी की गई थी. गंभीर हालत में लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी उस समय राजनीतिक पार्टियों में सत्ता दल पर जमकर निशाना साधा था,जिसके बाद भी उस विधानसभा से बीजेपी (BJP) ने जीत दर्ज की.
2007 में बीएसपी सरकार में रामवीर उपाध्याय को ऊर्जा मंत्री बनाया गया था. इस बार रामवीर उपाध्याय बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे,लेकिन सादाबाद सीट से चुनाव हार गये,जानकार बताते है सादाबाद विधानसभा सीट से ब्राह्मण और दलित वोट रामवीर उपाध्याय को नही मिल पाया जिसकी वजह से वो मामूली अंतर से चुनाव हार गये.
समझिए आखिर कौन कहा से जीता चुनाव
हाथरस जनपद में कुल तीन विधानसभा क्षेत्र है,जिसमे 78 हाथरस सदर,79सादाबाद और 80 सिकन्दराराऊ विधानसभा क्षेत्र आता है,78 विधानसभाक्षेत्र हाथरस सदर से अंजुला सिंह माहौर ने बीएसपी के संजीव कुमार को हराकर के सीट जीती वही समाजवादी पार्टी के बृजमोहन राही तीसरे नम्बर पर रहे. वही 78 विधानसभा क्षेत्र सादाबाद से समाजवादी और आरएलडी के गठबंधन से प्रदीप कुमार चुनाव लड़ रहे थे उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को चुनाव हराकर के जीत दर्ज करवाई,वही 80 विधानसभा क्षेत्र सिकन्दराराऊ से बीजेपी के बीरेंद्र सिंह राणा ने सपा के ललित बघेल को हरा करके जीत को सुनिश्चित किया है
जानिये आंकड़े विधानसभावार
78विधानसभाक्षेत्र हाथरस सदर
बीजेपी (अंजुला सिंह माहौर)-154655
एसपी (ब्रजमोहन राही)-47185
बीएसपी (संजीव कुमार)-53799
कांग्रेस(कुलदीप सिंह)-2436
79 विधानसभा क्षेत्र सादाबाद
बीजेपी (रामवीर उपाध्याय)-98437
आरएलडी(प्रदीप कुमार)-104874
बीएसपी (डा. अवनी शर्मा)-32555
कांग्रेस(मथुरा प्रसाद)-2788
80 विधानसभा क्षेत्र सिकन्दराराऊ
बीजेपी (बीरेंद्र सिंह राणा)-98094
एसपी (ललित बघेल)-89990
बीएसपी (अवधेश सिंह)-41781
कांग्रेस(छवि वार्ष्णेय)-1159
वरिष्ठ पत्रकार मोहित सारस्वत बताते है सादाबाद विधानसभा सीट पर जाट निर्णायक भूमिका रहता है,वही ब्राह्मण और एससी वोट बसपा की तरफ चला गया जिसका मुख्य कारण रहा रामवीर उपाध्याय बीमार चल रहे है. वही रामवीर उपाध्याय पर बीजेपी ने जो दांव लगाया था मुझे लग रहा है वो बीजेपी की तरफ से लिया गया निर्णय गलत था. जिसके कारण बीजेपी कुल तीन सीटो में से दो सीटें जीत पाई. वही जनता ने इस बार फ्री राशन और कोविड के समय सरकार की सहायता को सराहा.
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