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UP Election2022:कानून-व्यवस्था के दावों की सच्चाई बता रही हैं मेरठ की महिला वकील

मोनिका गौड़ ने एंटी-रोमियो स्कॉड को लेकर कहा कि "उसका कोई मतलब नहीं था, उसका कोई असर देखने को नहीं मिला."

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर योगी सरकार (Yogi Govt) दावा करती है कि उनके कार्यकाल में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है. बीजेपी (BJP) अपने चुनावी प्रचार में भी लगातार लॉ एंड ऑर्डर को मुद्दा बना रही है और इसी पर विपक्ष को भी निशाने पर ले रही है.

अब उत्तर प्रदेश में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं और कानून व्यवस्था के दावों की सच्चाई जानने के लिए क्विंट हिंदी की चुनावी यात्रा मेरठ पहुंची और यहां महिला वकीलों से बात की.

उर्वशी सिंह चौधरी ने कहा कि कोई भी पार्टी कभी महिलाओं को लेकर बात नहीं करती थी. इस बार कांग्रेस कर रही है लेकिन वोट के लिए, जब वह केंद्र में थी तब क्यों नहीं की. महिला अधिकारों और सुरक्षा को लेकर हर पार्टी को बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के नाम पर महिलाएं सुरक्षित नहीं है.

गजाला अंसारी ने सुरक्षा को लेकर कहा कि, "घर जाने की जल्दी रहती है, छेड़खानी का डर लगा रहता है. रात को बाहर नहीं घूम सकते." उन्होंने कहा कि महिलाओं की रिपोर्ट दर्ज नहीं होती, उनकी सुनवाई नहीं होती.

पांच साल से कोर्ट में काम कर रही मोनिका गौड़ ने एंटी-रोमियो स्कॉड को लेकर कहा कि "उसका कोई मतलब नहीं था, उसका कोई असर देखने को नहीं मिला."

महिला वकील उर्वशी सिंह चौधरी ने कहा, "ये ओपन सीक्रेट है कि महिलाओं को लेकर यहां क्या होता है, हाथरस में जो हुआ वो भी ठीक नहीं था, योगी जी, मोदी जी, जो दावा कर रहे हैं लेकिन सर्वे को देखें तो महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध कम नहीं हुए है बल्कि बढ़े हैं."

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