ADVERTISEMENTREMOVE AD

BOL | ऑनलाइन दुनिया में भारतीय भाषाओं के लिए कहां है पैसा?

क्विंट हिंदी और गूगल की पहल-BOL: Love Your भाषा

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्विंट हिंदी और गूगल की पहल BOL: Love Your भाषा में टेक, पॉलिसी और अपनी भाषाओं के लिए काम करने वाले तमाम दिग्गजों का जमावड़ा लगा. बात स्टार्टअप की चुनौतियों को लेकर हुई तो इस पर भी कि ऐसी कंपनियां रेवेन्यू कैसे कमा सकती हैं?

इस चर्चा के दौरान क्विंट की को-फाउंडर और सीईओ रितु कपूर, एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया, द इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयनका, डेली हंट के फाउंडर वीरेंद्र गुप्ता, गूगल के ऑनलाइन पार्टनरशिप के डायरेक्टर जयवीर नागी और आईपीजी मीडिया ब्रांड्स की सीएसओ अदिति मिश्रा मौजूद थी.

हिंदी और रीजनल भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए कई स्तरों पर काम करने की जरूरत है. इसमें कंटेंट प्रोवाइडर से लेकर टेक कंपनियों और पब्लिशर को एक साथ आना होता ताकि रीजनल भाषाओं को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा मिल सके.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×