- होठों पे न दिल में हां होएंगा..
- तू हां कर या ना कर, तू है मेरी किरण..
- तेरा पीछा ना मैं छोडूंगा सोणिये..
- हम तुझको उठाकर ले जायेंगे..
बॉलीवुड के कुछ ऐसे गाने जो स्टाकिंग के लिए ही बने हैं, नहीं? लेकिन हम लोग इन गानों पर बहुत झूमते हैं, डांस करते हैं फिर चाहे वो पार्टी हो या कोई फैमिली फंक्शन.
क्या हम इन गानों से या ऐसी फिल्मों से खासे प्रभावित हैं?
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 में एक व्यक्ति पर आरोप था कि वो दो औरतों का पीछा करता था. उसके वकील ने बताया कि बॉलीवुड फिल्में ही दिखाती हैं कि किसी का पीछा करने से न का जवाब हां में बदला जा सकता है.
उसके वकील ने कहा कि भारतीय मर्दों के लिए किसी का पीछा करना ‘एक आम बात’ है
कोर्ट ने उसके हक में फैसला किया कि उस इंसान के कल्चरल बैकग्राउंड ने उसे ऐसा करने पर मजबूर किया.
तो क्या बॉलीवुड हमें ऐसा सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपना प्यार पाने के लिए पीछा करें, और ये प्यार जताने का ही एक तरीका है?
दिल्ली के लोगों ने कहा:
हमने दिल्ली की जनता से पूछना चाहा कि वो स्टॉकिंग के बारे में क्या सोचते हैं.
बॉलीवुड एक तरफा प्रेमियों को प्रभावित करता है.
अगर आप किसी इंसान के लिए प्यार की भावना रखते हैं और उनके प्रति गंभीर हैं तो उनका पीछा करना सही है.
अगर कोई लड़का जुनूनी तौर पर किसी लड़की का पीछा कर रहा है तो उस लड़की को कभी उस लड़के के साथ जिंदगी नहीं बितानी चाहिए.
क्विंट एक कैंपेन चला रहा है Talking Stalking, जिससे स्टॉकिंग को एक गैर जमानती अपराध बनाया जा सके. जस्टिस वर्मा कमेटी ने 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप केस के बाद 2013 में एक सेक्शन का प्रस्ताव रखा. वो चाहते थे कि स्टॉकिंग को गैर जमानती अपराध बनाया जाए.
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