गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. गोरखपुर मंडल में 'बाबा' कहे जाने वाले मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से पीड़ित नाराज नजर आ रहे हैं. जो लोग कभी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सुनना तक पसंद नहीं करते थे, अब उन्हीं के खिलाफ बोल रहे हैं.
द क्विंट ने मृतक बच्चों के परिवार से और सीएम के संसदीय क्षेत्र के एकला गांव में कुछ लोगों से बात की.
4 साल का दीपक अब नहीं है, जिम्मेदार कौन?
मेडिकल कॉलेज में मरने वाले बच्चों में 4 साल का दीपक भी शामिल था. दीपक के पिता बहादुर 9 अगस्त के दिन को याद करते हुए कहते हैं कि उस दिन अस्पताल का निरीक्षण करने सीएम योगी पहुंचे थे, अस्पताल का पूरा अमला उनकी आगवानी में जुटा था, जाहिर है कि बहादुर के बीमार बेटे की खोज खबर लेने वाला कोई नहीं था. बहादुर अस्पताल तो गए थे बच्चे की जिंदगी की आस में लेकिन हाथ लगी निराशा.
दीपक की मां नंदिनी बताती हैं कि पहले तो मेडिकल कॉलेज में कोई एडमिट ही नहीं कर रहा था.
बाबा के आने के बाद सब बंद हो गया, भर्ती नहीं ले रहे थे.नंदिनी, दीपक की मां
इसी गांव के अमित कहते हैं कि योगी जी यानी सीएम आदित्यनाथ की लोग पूजा करते थे, लेकिन उन्हें क्या हो गया अब नहीं पता.
गोरखपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में शायद ही इससे पहले योगी आदित्यनाथ को ऐसी भाषा सुनने को मिली हो, लेकिन इस हादसे के बाद लोगों की ‘निष्ठा’ बदल रही है, कारण शायद ये भी है कि योगी आदित्यनाथ से उम्मीदें भी ज्यादा थी.
बता दें कि BRD मेडिकल कॉलेज में 6 दिन में 64 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है. इनमें से कुछ बच्चों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई की कमी से भी हुई है, 10 अगस्त की रात से अस्पताल में ऑक्सीजन गैस की सप्लाई बंद होने लगी थी.
बताया जा रहा है कि रात 11.30 से 1.30 बजे तक 2 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई पूरी तरह से बन्द हो गई. इसे 11 अगस्त को किसी तरह दुरुस्त कर लिया गया था लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. 9 से 11 अगस्त के बीच 32 परिवारों ने अपने बच्चों को खो दिया.
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