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शाह की शह पर हुई JNU हिंसा, मामले की न्यायिक जांच हो: कांग्रेस

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 5 जनवरी की शाम भारी हिंसा और तोड़फोड़ हुई है.

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कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में हमला करने वालों को संरक्षण देने का सोमवार को आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए.

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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा-

मोदी जी और अमित शाह जी ने छात्रों पर दमन चक्र चलाकर नाजी शासन की याद 90 साल बाद दिला दी. जिस तरह से छात्रों, छात्राओं और शिक्षकों पर हमला किया गया और जिस प्रकार पुलिस मूकदर्शक बनी रही, वह दिखाता है कि देश में प्रजातंत्र का शासन नहीं बचा है.

उन्होंने कहा-

युवा प्रजातंत्र और संविधान पर हमले के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनकी आवाज दबाई जाती है. जान लीजिए मोदी, युवाओं की आवाज नहीं दबने वाली है. सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी नहीं चलने वाली है. “

उन्होंने ये भी कहा कि

ऐसा लगता है कि मोदी और अमित शाह की सरकार के रूप में नाजी शासन आ गया है. इन गुंडों का ताल्लुक बीजेपी और एबीवीपी से था. यह सब कुलपति की मूक सहमति से हो रहा था. यब सब अमित शाह के मौन समर्थन से हुआ. 

उन्होंने कहा, '' हम मोदी जी, अमित शाह जी, बीजेपी और एबीवीपी की कड़ी निंदा करते है.''

सुरजेवाला ने कहा,

सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी के लिए अमित शाह जिम्मेदार हैं. अमित शाह जी, आपकी किसी जांच पर भरोसा नहीं है क्योंकि इस गुंडागर्दी को आपका संरक्षण हासिल था.
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उन्होंने कहा,

‘’हमारी मांग है कि न्यायिक जांच हो. सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के किसी वर्तमान न्यायधीश से जांच कराई जाए. इसी से सच्चाई सामने आएगी.’’

उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय और जेएनयू प्रशासन की भूमिका की जांच होनी चाहिए. जेएनयू गेट पर रविवार रात मौजूद रहे कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज ने दावा किया कि हिंसा में बीजेपी के लोग शामिल थे.

उन्होंने कुछ बीजेपी नेताओं के नाम भी लिए और दावा किया कि ये लोग भड़काऊ नारे लगा रहे थे. उदित राज ने यह आरोप भी लगाया कि गुंडे वहां पुलिस की मिलीभगत से हिंसा कर रहे थे.

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इससे पहले सुरजेवाला ने ट्वीट किया,

मोदी जी और अमित शाह जी की आखिर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है? कभी फीस वृद्धि के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी सविंधान पर हमले का विरोध हो तो छात्रों की पिटाई. अब जवाहर लाल नेहरू में हिंसा का नंगा नाच हो रहा है और वो भी सरकारी संरक्षण में.

उन्होंने दावा किया, ''जेएनयू केंपस पर हमला सुनियोजित था. हमले को जेएनयू प्रशासन का समर्थन हासिल था. गुंडों का संबंध बीजेपी से था. छात्र और शिक्षक पीटे जाते रहे और दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही. यह मोदी-शाह का छात्रों के लिए गुजरात मॉडल है.''

इनपुट:भाषा

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