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SC साफ करे कि हादिया को पति के घर भेजें या पिता के: प्रिंसिपल

SC ने सिर्फ हादिया के एडमिशन को लेकर निर्देश दिए हैं, छुट्टी के लिए कहां भेजना है इस बात का कोई निर्देश नहीं है.

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केरल लव जिहाद मामले से चर्चा में आई हादिया के प्रिंसिपल से द क्विंट ने बात की. जी कन्नन सिवाराज होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल हैं. कन्नन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को इस बात को साफ करना होगा कि हादिया को उसके पति के घर या मां-बाप के घर भेजना है. उनके मुताबिक वो हदिया को सिर्फ हॉस्टल में सुरक्षित रख सकते हैं.

कन्नन ने कहा कि

सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ हादिया के एडमिशन को लेकर निर्देश दिए हैं, छुट्टी के लिए कहां-कहां भेजना है इस बात के लिए कोई निर्देश नहीं है. कॉलेज के नियम के मुताबिक, हर दिन उसे लोगों से मिलने नहीं दिया जा सकता.चाहे उसके मां-बाप हों या कोई और. मैं मिलने वाले की वजह को देख कर ही उसे मिलने की इजाजत दूंगा. 

उन्होंने ये भी कहा कि हमारे रिकॉर्ड के मुताबिक, इसका नाम अखिला अशोकन है. नाम बदलने को लेकर कोई अर्जी नहीं आई है.

बता दें हादिया ने अगस्त 2016 में इस्लाम धर्म अपना लिया था. हदिया ने मुस्लिम शख्स शाफीन जहां से दिसंबर 2016 में निकाह किया था. दोनों की शादी की खबर मिलने के बाद हदिया के पिता हाई कोर्ट पहुंच गए. 21 दिसंबर, 2016 को हदिया पति के साथ हाई कोर्ट के सामने आई. लेकिन कोर्ट ने उसे हॉस्टल भेज दिया. 24 मई, 2017 को हाई कोर्ट ने शादी खारिज कर दी. उसके पति ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.

कोर्ट ने इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जांच के आदेश दिए थे.

कोर्ट ने ये आदेश याचिकाकर्ता शाफीन जहां के वकील कपिल सिब्बल के ये कहने के बाद दिया कि कोर्ट को लड़की से बात करने के बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए. केरल हाई कोर्ट ने इसे लव जिहाद का मामला बताकर निकाह को रद्द कर दिया था.

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