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प्रयागराज कुंभ की कहानी, महावत रेहान की जुबानी

महावत रेहान 11 पेशवाई में शामिल हो चुके हैं. वो हाथी को ही अपना घर बताते हैं.

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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

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प्रयागराज कुंभ में देश-विदेश के पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है. सस्ते से लेकर महंगे टेंट, अखाड़ों की पेशवाई और स्नान कुंभ पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं. ऐसे में इन पेशवाई को शानदार बनने वाले और कुंभ को करीब से देखने वाले महावत रेहान की नजरों से क्विंट ने भी देखा कुंभ.

रेहान 11 पेशवाइयों में शामिल हो चुके हैं. वो हाथी को ही अपना 'घर' बताते हैं.

कौन-सी पेशवाई सबसे अच्छी?

रेहान को सबसे अच्छी पेशवाई जूना अखाड़े की लगती है. लेकिन वो कहते हैं कि बाबाओं को खुश रखना आसान नहीं होता. वो हाथी को तो संभाल सकते हैं, लेकिन किसी नागा साधु के गुस्से से बचना उन्हें मुश्किल लगता है.

वो लोग गणेश भगवान को मानते हैं. इनको अगर इनके सामने गाली दे दी, तो ये तुरंत नाराज हो जाते हैं. महाराज के पैर छूना पड़ जाता है, हर एक चीज करनी पड़ जाती है. छोटा-सा बच्चा इतने बड़े जानवर को संभाले रखे है, सब लोग देखकर हंसते हैं. बाबा को हाथी पर बैठाकर इतने बड़े जानवर को संभाल रखा है.
रेहान, महावत

'कुंभ की सजावट हर साल से बेहतर'

कई पेशवाई और कुंभ को देखते आए रेहान कहते हैं कि हर साल से अच्छी इस बार सजावट हुई है. वो इसका क्रेडिट पीएम नरेंद्र मोदी को देते हैं.

जो अखिलेश यादव और मायावती नहीं कर पाए, अबकी ये मोदी जी ने कर दिया है. सिर्फ मेले के लिए हमलोग मोदी जी से खुश हैं, बाकी गरीबों के लिए कुछ नहीं किया है. मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, मायावती गरीबों को सुनते हैं, पर ये (मोदी) नहीं सुन रहे हैं. ये गरीबों को परेशान कर रहे हैं. गरीब सभी हैं, कुंभ मेले में भी आते हैं. मगर सभी खुश हैं कि लाइट से और व्यवस्था से. बाकी किसी से खुश नहीं हैं.
रेहान, महावत

प्रयागराज में 15 जनवरी से लेकर 4 मार्च तक कुंभ का आयोजन किया गया है. इन 49 दिनों के लिए योगी सरकार की तरफ से बड़ी तैयारी की गई है और मेगा बजट पेश किया गया है.

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