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महाराष्ट्र का सियासी महाभारत अब 'पाताल लोक' पार्ट-2 बन गया है

महाराष्ट्र में राजनीतिक लड़ाई अब निजी हो गई है. ठाकरे से लेकर फडणवीस पर आरोप लग रहे हैं.

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महाराष्ट्र (Maharashtra) का सियासी महाभारत अब एक नए दौर में पहुंच चुका है. इसे आप एक तरह का 'पाताल लोक' कह सकते हैं.

सीएम उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे पर बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि उन्होंने मुंबई से सटे इलाकों में किसानों की जमीन गलत तरीके से हड़प ली.

नवाब मलिक ने पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी की ड्रग पेडलर के साथ तस्वीर शेयर कर दी.

पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस पर ड्रग्स रैकेट से जुड़े होने के आरोप.

बीजेपी पर केंद्र सरकार के जरिये अजित पवार की बहनों और रिश्तेदारों को निशाना बनाने का आरोप.

संजय राउत और एकनाथ खडसे की पत्नियों को ED का समन.

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अनिल देशमुख गिरफ्तार.

अजीत पवार और उनके रिश्तेदारों की 1000 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का IT नोटिस.

NCB के मुंबई हेड समीर वानखेड़े मुस्लिम हैं या नहीं, इस पर विवाद..

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अंबानी के घर के सामने विस्टोफक सामग्री की बरामदगी और फिर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग्स केस में गिरफ्तारी. इन दो घटनाओं ने लगता है कि महाराष्ट्र की राजनीति के सारे नियम-कायदे, परंपरा सब कुछ हिला कर रख दिया है. राजनीतिक लड़ाई अब निजी हो गई है. मामला सीनियर नेताओं के घर तक पहुंच चुका है. और लगता है कि मामला और आगे बढ़ेगा.

नवाब मलिक के आरोपों के बाद पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दीवाली के बाद बम फोड़ने की चेतावनी दी है. तो वहीं राजनीतिक पटाखे फोड़ने के लिए दीवाली तक रुकने की जरूरत नहीं, ऐसी सलाह सीएम उद्धव ठाकरे दे रहे हैं. फणनवीस की चेतावनी को स्वीकार करते हुए नवाब मालिक ने ट्वीट कर कहा 'हैं तैयार हम !' तो दूसरी ओर शिवसेना नेता संजय राउत का कहना है कि, 'अब भी वक्त है संभल जाओ, क्योंकि हमाम में सब नंगे हैं !'

ये सब महाराष्ट्र की राजनीति में नया है क्योंकि यहां व्यक्तिगत आरोपों को कभी स्थान नहीं मिला. बल्कि वैचारिक मतभेद होते हुए बड़े नेताओं के हमेशा से व्यक्तिगत संबंध अच्छे रहे हैं. बालासाहेब ठाकरे और शरद पवार या फिर विलासराव देशमुमख और गोपीनाथ मुंडे के बीच की दोस्ती इसका उदाहरण है.

लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा हो क्यों रहा है?

इस पूरे हंगामे के एक धुरी हैं नवाब मलिक, जिनके बारे में कहा जाता रहा है वो ये सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके दामाद पर NCB ने एक्शन लिया, हालांकि वो इस आरोप से इंकार करते हैं. कुछ लोग इसे आर्यन की गिरफ्तारी से भी जोड़ कर देखते हैं. लेकिन इसके कोई सबूत नहीं.

लेकिन कुछ इसे बीजेपी की उस कोशिश से जोड़कर देखते हैं कि किसी भी तरह महाराष्ट्र की सत्ता हासिल की.

महाविकास अघाड़ी सरकार को दो साल पूरे हो रहे हैं. बीजेपी का दावा था कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

राजनीतिक विश्लेषक सुधीर सूर्यवंशी का कहना है,

'सत्ता में आने के लिए बीजेपी हर मुमकिन साधनों का इस्तेमाल करने में हिचकिचा नहीं रही. शुरुआत में बीजेपी ने विधायक तोड़ने की कोशिशें की लेकिन जरूरी आंकड़ा जुटा नहीं पाई. फिर एंटीलिया बम धमकी मामला और सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए. सरकार के खिलाफ नैरेटिव सेट किया. लेकिन इससे भी सरकार पर दबाव नहीं बना. अब सरकार के बड़े मंत्रियों को निशाना बनाकर बीजेपी सरकार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में हो सकती है. ताकि मध्यावधि चुनाव के आसार हों तो लोगों में सरकार के खिलाफ सहानुभूति ना हो.'
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वैसे बीजेपी पर सवाल अपनी जगह है, लेकिन कुछ सवाल एमवीए के नेताओं पर भी हैं. ये सियासी लड़ाई आउट ऑफ कंट्रोल हुई है तो उसमें क्या उनका योगदान नहीं है? और फिर एक बात और है कि देश भी अब नए किस्म की राजनीति देख रहा है. दिल्ली भी बदली है.

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