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भुलाए नहीं भूलती जांबाज योद्धा, मेजर अक्षय गिरीश की शहादत 

51वीं रेजिमेंट के मेजर अक्षय गिरीश 29 नवंबर को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे

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हम कितनी सांसें लेते हैं, जिंदगी वो नहीं है. हम कितनी देर वो सांसें लेते हैं, वो जिंदगी है. अक्षय ने उतनी जिंदगी जी जितनी कई और नहीं जी पाते. ये कहना है, शहीद मेजर अक्षय की मां मेघना गिरीश का.

बंगाल सैपर्स के 51वीं रेजिमेंट के मेजर अक्षय गिरीश 29 नवंबर 2016 को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के नागरोटा में आर्मी यूनिट पर पुलिस की वर्दी में हमला कर दिया था.

51वीं रेजिमेंट के मेजर अक्षय गिरीश 29 नवंबर को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे
जब परिवार ने अक्षय की मौत की खबर सुनी उनकी दुनिया पलट गई 
( फोटो: Meghana Girish )

वो सुबह का वक्त था जब अक्षय को नागरोटा में आतंकवादियों के घुसने की सूचना मिली थी. उसने तुरंत अपनी टीम को इस बारे में तैयार होने के लिए सूचित किया. आतंकवादी पुलिस की वर्दी में आर्मी कैंपस में घुसे थे. हमले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में टीम का नेतृत्व करते हुए अक्षय को गोली लग गई और दम तोड़ दिया. मेजर अक्षय गिरीश एक योद्धा इंजीनियर थे, जो नागरोटा में शहीद हो गए.

अक्षय के परिवार वाले उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. क्योंकि घर पर उनका 32वां जन्मदिन मनाया जाना था.अक्षय की पत्नी संगीता और उनकी 2 साल की बेटी उस वक्त आर्मी कैंपस में ही थे, जब ये हमला हुआ.

व्हॉट्सएप ग्रुप से मिली थी खबर

अक्षय की मां मेघना गिरीश ने बताया, उन्हें इस हमले के बारे में व्हाट्सएप ग्रुप से खबर मिली थी. अक्षय की पत्नी संगीता ने फैमिली ग्रुप में मेसेज करके आतंकी हमले के बारे में जानकारी दी थी.

संगीता ने ग्रुप में लिखा था, 'जल्दी से न्यूज देखिए, नागरोटा में हमला हुआ है.'

उसके बाद मेघना ने टीवी ऑन किया और खबर देखी. थोड़ी देर बाद अक्षय का भी ग्रुप पर मैसेज आया. अक्षय ने लिखा था, 'हमारे ऊपर फायरिंग हो रही है. मैं अपनी फायरिंग गन के साथ हूं, तीन लोगों के मरने की खबर है.'

मेघना ने बताया, उसके थोड़ी देर बाद संगीता का फोन आया और अक्षय के न रहने की खबर देती है.

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