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MP के सतना में दलित महिला सरपंच पर क्यों हुआ हमला? बड़ी डरावनी कहानी सामने आ रही

इस मामले में धारा 151 के तहत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और कोर्ट में प्रस्तुत होने के बाद उन्हें तुरंत बेल मिल गई थी

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) जिले में दलित महिला से मारपीट का मामला सामने आया है. यह घटना सतना के ग्राम जरियारी की है जहां नवनिर्वाचित सरपंच महिला ललिता बौद्ध को कुछ लोगों ने लाठियों से पीटा. दरअसल जरियारी पंचायत में हाल में ही खत्म हुए पंचायत चुनावों में नव निर्वाचित सरपंच ललिता बौद्ध और पंचों सहित ग्राम के लोग पहली बार ग्राम सभा करने बैठे थे.

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इसके बाद ग्रामसभा की कार्यवाही के दौरान ही पूर्व में जनपद सदस्य रहे चंद्रप्रकाश उर्फ छोटू पटेल और उसके साथियों ने ग्राम सभा कक्ष में जबरदस्ती घुसकर ग्राम सभा भंग करने की कोशिश की.

इस दौरान कथित तौर पर जातिसूचक गाली देते हुए छोटू पटेल और उसके साथियों ने पिछड़े समुदाय से आई महिला सरपंच और चुनी गई दलित महिला पंचों के साथ मारपीट भी की.

दलित पंच सरला, जिनके साथ मारपीट की गई है वही इस मामले की शिकायतकर्ता भी हैं. सरला के पति गोरेलाल साकेत का कहना है की छोटू पटेल और उसके साथी गुंडे स्वभाव के हैं और इस तरह की घटना पहली घटना नहीं है. गोरेलाल साकेत के साथ भी मारपीट की गई है.

ग्राम सभा में मौजूद सावित्री साकेत के बेटे विक्रम के साथ भी मारपीट होने की बात बताई जा रही है. वीडियो में विक्रम और गोरेलाल दोनो के कपड़े फटे हुए दिख रहे हैं.

विक्रम ने क्विंट से बात करते हुए बताया की छोटू पटेल और उसके साथी इस बात से खफा थे कि आखिर दलित वर्ग के लोग पंचायत कैसे चला सकते हैं. विक्रम का कहना है कि आरोपी छोटू पटेल ने अपने गुंडे साथियों के साथ मिलकर सरपंच सहित अन्य लोगों को धमकी भी दी है.

इस पूरे मामले में पुलिस ने जहां एक तरफ IPC और एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था, वहीं दूसरी ओर आरोपियों की गिरफ्तारी धारा 151 के तहत करके निचली कोर्ट में प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें तुरंत बेल मिल गई थी.
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सतना पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने क्विंट को बताया कि

कल दोपहर खबर मिली थी कि महिला सरपंच और अन्य लोगों के साथ मारपीट की घटना हुई है, जिसके बाद पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. इसके बाद एक लिखित शिकायत के आधार पर चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर IPC के सेक्शन 452, 353, 294, 506 और अन्य के साथ ही एससी एसटी एक्ट के प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी.

उन्होंने आगे कहा कि चारों आरोपियों को लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए तुरंत धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उनको बेल मिल गई थी. संबंधित धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर में जांच जारी है.

हालांकि एक तरफ पुलिस का कहना है कि लॉ एंड ऑर्डर के चलते धारा 151 में गिरफ्तार किया गया था, वहीं गांव वालों का आरोप है कि छोटू पटेल और उसके साथियों को बचाया जा रहा है.

सूत्रों की मानें तो आरोपी छोटू पटेल की इलाके के बीजेपी विधायक और पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल से काफी अच्छे संबंध हैं और इसी के चलते छोटू पर पुलिस बहुत सख्त नही दिखाई पड़ रही है.

पुलिस ने यह भी कहा है छोटू पटेल पर पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं. हालंकि इसके बावजूद ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस सख्त कारवाही नहीं कर रही है.

इनपुट- सतना से अमित सेंगर

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