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‘ठाकरे’ पर बोले नवाज, हमें अपने हीरो में गलती देखना पसंद नहीं 

फिल्म ‘ठाकरे’ पर  नवाजुद्दीन सिद्दीकी की क्विंट से खास बातचीत

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फिल्म 'मंटो' और 'सेक्रेड गेम्स' जैसे अलग-अलग किरदार निभाने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी अब बाल ठाकरे की बायोपिक 'ठाकरे' में नजर आने वाले हैं. नवाज बायोपिक में ठाकरे के किरदार को पर्दे पर उतारने की पूरी कोशिश करते नजर आ रहे हैं.

लेकिन हमारी हिंदुस्तानी बायोपिक किसी व्यक्ति की असल छवि को न दिखाते हुए उसे विकीपीडिया के रंगों में रंग देते हैं. इसी बारे में क्विंट ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी खास बात की.

नवाज कहते हैं-

‘’जब हॉलीवुड में बायोपिक बनती हैं तो दर्शक एक हीरो को हर किरदार में अपनाता है. चाहे वो किरदार नेगेटिव क्यों न हो. लेकिन भारत में ऐसा नहीं है. भारत के दर्शक हीरो को कभी स्क्रीन पर गलत नहीं देख सकते. उनका मानना है कि हीरो हमेशा सही होना चाहिए. वो कभी गलत नहीं हो सकता. फिल्म में अगर कोई गलत किरदार निभा सकता है तो वो है विलेन. हम भारत के लोगों को फेक फिल्म देखने की आदत हो गई है. हिंदी सिनेमा में हम सच्चाई को अपनाना ही नहीं चाहते.

नवाज से पूछा गया कि क्या वो खुद को एक मजबूत राजनीतिक विचारधारा से अलग करने में सक्षम हैं? इसपर नवाज ने जवाब दिया-

मेरी कोई राजनीतिक विचारधारा नहीं है. एक्टिंग करते वक्त मेरे पास सिर्फ एक्टिंग का विचार होता है, जिसपर मैं 10 घंटे से ज्यादा भी बात कर सकता हूं. इसके अलावा मेरे पास कोई विचारधारा नहीं है. मैं एक आर्टिस्ट हूं और ऐसा ही रहना चाहता हूं. एक आर्टिस्ट की कोई विचारधारा नहीं होती. अगर आपके पास विचारधारा है तो आप आंदोलनकारी बन जाएं.  

फिल्म को अभीजित पांसे ने डायरेक्ट किया है. शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने फिल्म की कहानी लिखी है. अमृता राव कई सालों बाद इस फिल्म से बॉलीवुड में वापसी कर रही हैं. वो फिल्म में बाल ठाकरे की पत्नी मीणा ताई ठाकरे की भूमिका में नजर आएंगी.

बाला साहेब की जिंदगी की कहानी

इस फिल्म में बाला साहेब की जिंदगी से जुड़े कई अहम पहलुओं को दिखाया जाएगा. बाल ठाकरे एक ऐसे शख्स थे, जिनके इर्द-गिर्द महाराष्ट्र की राजनीति घूमती रही. एक पत्रकार और कार्टूनिस्ट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाले ठाकरे ने 1960 में 'मार्मिक' नाम से अपनी मैगजीन शुरू की थी.

इस मैगजीन के जरिए ठाकरे ने मुंबई में रहने वाले गुजरातियों, मारवाड़ियों और दक्षिण भारतीय लोगों के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ मुहिम चलाई थी. 1966 में बाल ठाकरे ने शिवसेना का गठन किया था.

‘ठाकरे’ फिल्म को लेकर शिवसेना कार्यकर्ताओं में भी काफी उत्साह है. अपने राजनेता की जिंदगी को पर्दे देखने के लिए वो बेकरार हैं. ये फिल्म 23 जनवरी, 2019 को रिलीज होगी. नवाजुद्दीन ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का एक पोस्टर भी शेयर किया था.

कैमरा: संजॉय देब

असिस्टेंट कैमरा- गौतम शर्मा

वीडियो एडिटर- वीरू कृष्ण मोहन

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