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बुरा लगा तो आलोचना कीजिए, अपशब्द नहीं- नेहा सिंह राठौर

सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे 'यूपी में का बा...' गाने वाली नेहा सिंह सिंह राठौर से क्विंट हिंदी की खास बातचीत

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वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव के बीच कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामलों की वजह से सारी पार्टियां वर्चुअल प्रचार-प्रसार पर जोर दे रही हैं. लगभग सभी पार्टियों ने अपना-अपना गाना लॉन्च किया है. बीजेपी सांसद रवि किशन के 'यूपी में सब बा' टाइटल से गाना लॉन्च करने के बाद इस ट्रेंड में कई गाने सामने आने लगे हैं. लोक गायिका और कवि नेहा सिंह राठौर का 'यूपी में का बा..' टाइटल का गाना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

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क्विंट से खास बातचीत में नेहा ने गाने पर आ रही प्रतिक्रियाओं पर बात की और हमारे सवालों के जवाब देते हुए बताया कि फिलहाल उनका राजनीति में आने का कोई मूड नहीं है.

गाने के जरिए क्या बताना चाहती हैं नेहा?

चुनाव के दौरान सारी पार्टियां कई माध्यम से प्रचार करती हैं, जिससे वो चुनाव में जीत हासिल कर सकें. मैंने भी अपना गाना गाया 'यूपी में का बा...' क्योंकि मैं खुद को जनकवि कहती हूं, लोक कवि कहती हूं. लोक कलाकार वही होता है, जो जनता के दुख की बात करे, जनता के मुद्दे की बात करे. हम कोई एमपी, एमएलए और मंत्री तो हैं नहीं, किसी पार्टी के नेता तो हैं नहीं कि सरकार की बात बोलेंगे, हम जनता की बात कह रहे हैं.

'यूपी में का बा...' लिखने का क्यों सोचा?

मैं अपने गीत खुद ही लिखती हूं और गाती हूं. पिछले कई सालों से मैं ऐसा कर रही हूं. मैंने लिखने को ऐसा सोचा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव है और सरकारें खुद अपनी उपलब्धियां गिना रही हैं अपने गाने के माध्यम से.

मैंने सोचा कि हाथरस में जो हुआ वो तो नाकामी है, किसानों के ऊपर मंत्री जी के बेटे ने कार चढ़ा दी...वो तो नाकामी है, गंगा किनारे लाशों के साथ जो हो रहा था...वो तो नाकामी है, रोजगार के लिए जो युवक परेशान हो रहे हैं...वो तो नाकामी है. चुनाव के वक्त जब सरकार अपनी खूबियां गिना सकती है, तो मैं नाकामियां क्यों नहीं गिना सकती?

इस तरह के गानों के बाद ट्रोलिंग और धमकियों पर क्या कहेंगी?

जिस राजा के शासनकाल में प्रजा डरे, उस राजा को चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए.

क्या विपक्षी पार्टियों की तरफ से प्रचार समर्थन ज्वाइन करने के लिए फोन आते हैं?

पार्टी ज्वाइन करने के लिए अभी तक फोन नहीं आए. चुनाव प्रचार के लिए फोन आते हैं, लेकिन मैं मना कर देती हूं.

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'बिहार में का बा..' के नए वर्जन के साथ किया नेहा का वीडियो ट्वीट किया था.

नेहा ने इस पर कहा कि ये अच्छी चीज है कि अखिलेश जी ने मेरे गाने को ट्वीट किया है, मेरे काम को सम्मान दिया है. मैं उन्हें शुक्रिया कहना चाहूंगी.

योगी जी, मोदी जी मेरे दुश्मन नहीं हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. वो सरकार में हैं तो उनसे सवाल किए जाएंगे. कल को समाजवादी पार्टी और बीएसपी की सरकार बनेगी तब भी ऐसे ही सवाल होंगे. हमने आपको वोट किया है, हमने आपको गद्दी पर बैठाया, हम आपसे बिल्कुल नहीं डरेंगे.
नेहा सिंह राठौर, गायिका

योगी आदित्यनाथ की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आप अभी योगी की भूमिका में नहीं हैं, आप यूपी के मुख्यमंत्री की भूमिका में हैं. आपसे सवाल किए जाएंगे, क्योंकि आप सरकार में हैं. हम विपक्षी पार्टियों से सवाल नहीं कर सकते क्योंकि हमारी मजबूरी है, हम कैसे सवाल करेंगे उनके हाथ में पॉवर ही नहीं है. उनके हाथ में पॉवर आने दीजिए, उनसे भी सवाल किया जाएगा.

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क्या नेहा सिंह राठौर राजनीति में आएंगी?

अगले 5-10 सालों तक राजनीति में जाने का कोई मूड नहीं है. लिखने, गाने से ज्यादा अभी कुछ सोचा नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं अधिकतर पॉलिटिकल सटायर लिखती हूं लेकिन लोगों से जुड़े मुद्दे की बात करती हूं

यूपी की मौजूदा सरकार की ओर इशारा करते हुए नेहा ने कहा कि आपके शासनकाल में बेरोजगारी है, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, किसानों के ऊपर अत्याचार हो रहे हैं...तो वो लोग मेरे गानों को अपने पर ले लेते हैं, बातें शासन को बुरी लग जाती हैं. लेकिन मैं मुद्दे की बात करती हूं, तो लोगों को मिर्ची लग जाती है.

जिन्हें भी भ्रम है कि मैं किसी पार्टी के समर्थन या विपक्ष में हूं, वो मेरे पेज या चैनल पर जाकर देख सकते हैं, कि नेहा क्या काम करती है. आप हमारी आलोचना करिए, विरोध करिए लेकिन अश्लील प्रचार या अपशब्द मत लिखिए...ऐसे शब्दों से बचने की कोशिश करिए.
नेहा सिंह राठौर, गायिका
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भोजपुरी में ही गाने लिखने का क्यों सोचा?

वर्तमान में भोजपुरी संगीत की स्थिति बहुत ही खराब है, गंदे और फूहड़ गीतों का बोलबाला है. मैंने भोजपुरी बचाओ आंदोलन नाम से एक मुहिम छेड़ी है, इसका उद्देश्य भोजपुरी के पारंपरिक लोकगीतों का संरक्षण स्वच्छ, सुंदर नए भोजपुरी गीतों का सृजन करना है.

यूपी-बिहार की लड़कियों के लिए क्या कहना चाहेंगी?

यूपी और बिहार की लड़कियों को मैं कहना चाहूंगी कि किस बात का डर है, पढ़ने-लिखने वाली लड़कियां हो...पढ़िए-लिखिए और अपने अधिकार के लिए लड़िए. किसी मनचले की हिम्मत नहीं होनी चाहिए कि आपको आंख उठा कर देख ले, अगर ऐसा करे तो उसकी आंखें फोड़ दो, किसी से डरने की बात नहीं...बाकी नेहा सिंह राठौर है आपके मुद्दों को उठाने के लिए.

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