ADVERTISEMENTREMOVE AD

नोटबंदी किन-किन पैमानों पर पास, कहां हुई फेल, राघव बहल से जानिए 

नोटबंदी के बाद 99% पैसे वापस आ गए, सरकार की स्कीम फेल या पास?

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

8 नवंबर को नोटबंदी का 1 साल पूरा हो गया. ये सवाल अब भी बरकरार है कि क्या नोटबंदी से देश को कोई फायदा हुआ? क्‍या इसने अपना असली मकसद हासिल किया?

RBI की सालाना रिपोर्ट 2016-17 सामने है. रिपोर्ट में जो आंकड़े हैं, उन्हें सरकार और विपक्ष अपने-अपने चश्मे से देखते रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, बैन हुए 500 और 1000 रुपये के 99 फीसदी नोट लौट आए. इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार का अर्थव्यवस्था को कैशलेस और डिजिटल बनाने के अलावा टैक्स दायरा बढ़ाने का मकसद कामयाब रहा. हालांकि, कांग्रेस अब भी इसे मुसीबत का नाम देती है.

लेकिन सच पूछिए तो नोटबंदी के वो कौन से फायदे थे, जिसको लेकर हालिया राजनीतिक इतिहास में इतना बड़ा आर्थिक कदम उठाया गया?

क्विंट के एडिटर-इन-चीफ राघव बहल उन लोगों में रहे, जिन्होंने सबसे पहले कहा था कि बैन हुए ज्यादातर करंसी नोट सिस्टम में वापस आ जाएंगे. उन्होंने नोटबंदी से जुड़े ऐसे ही तमाम सवालों की पड़ताल की.

ऐसा कैसे हुआ कि करीब-करीब सारे नोट बैंकों में वापस आ गए?

नोटबंदी के महज 48 घंटे बाद मैंने लिखा था कि सारा पैसा वापस आ जाएगा. मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं. मेरी इस सोच के पीछे एक साधारण सी चीज थी. जिसका नाम है- इंसान का व्यवहार.

मुझे लगता है कि नोटबंदी को लागू करने वालों ने वित्त और अर्थशास्त्र पर ज्यादा ध्यान दिया और इंसानी व्यवहार या मनोविज्ञान के बारे में कम. अगर मेरे पास बिना हिसाब के 100 रुपये होते और किसी ने आकर कहा होता कि हम तुम्हारे 100 रुपये ठिकाने लगा देंगे और बदले में तुम्हें 60 रुपये दे देंगे तो क्या आप तैयार नहीं होते?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

नोटबंदी का राजनीतिक असर?

नोटबंदी के बाद जिस तरह से लोग परेशान हुए, उससे लगा कि लोग सरकार के खिलाफ खड़े हो जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. लोगों को लगता है कि जब दर्द होगा तो उसका फायदा भी मिलेगा.

क्या कुछ अच्छा काम हुआ?

सरकार को एक बात का क्रेडिट जरूर देना होगा कि नोटबंदी के बाद जब लग रहा था कि हालात सामान्य होने में लंबा वक्त लगेगा, सरकार ने स्थिति पर कमोबेश जल्दी काबू पा लिया.

नोटबंदी के बाद वापस आए पैसों से जुड़े बाकी सवालों के जवाब जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.

(RBI ने अपनी सालाना रिपोर्ट (2016-17) में जो आंकड़े पेश किए थे, उनसे ये जानना आसान हो जाता है कि देश में नोटबंदी किस हद तक कामयाब या नाकाम रही. ये स्‍टोरी क्‍व‍िंट हिंदी पर पहली बार 2 सितंबर को छापी गई थी. नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर इसे हम पाठकों के लिए फिर से पेश कर रहे हैं.)

ये भी पढ़ें-

नोटबंदी: 8 नवंबर की 8 कहानियां जो आपको हंसाती भी हैं,रुलाती भी हैं

वीडियो: नोटबंदी के एक साल बाद हमने क्या खोया क्या पाया?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×