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भुखमरी से 3 लड़कियों की हुई थी मौत, अब भी नहीं मिल रहा राशन कार्ड

दिल्ली की मंडावली कॉलोनी को नहीं मिल पा रहे हैं राशन कार्ड

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रिपोर्टर: मेत्रैयी रमेश

वीडियो एडिटर: विशाल कुमार

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जुलाई 2018, दिल्ली के मंडावली की एक 3 मंजिला बिल्डिंग में भूख से 3 लड़कियों की मौत हो गई. इस हादसे के बाद आम आदमी पार्टी के नेता और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कॉलोनी में पहुंचे और जल्द से जल्द लोगों के लिए राशन कार्ड जारी करने की बात कही. यहां रहने वाले कई लोग माइग्रेंट हैं लेकिन सालों से दिल्ली में रह रहे हैं.

करीब 8 महीने बाद भी बिल्डिंग में रहने वाले लोग राशन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं . उसी बिल्डिंग में पिछले 6 साल से रह रहीं आयशा खातून का कहना है कि-

अगर आप देखें तो राशन की दुकान पर लंबी लाइन लगी है, जैसे अस्पताल के बाहर दवाई के लिए होती है, तो ये दुकानें हमारे लिए बंद है लेकिन बाकी सभी के लिए खुली हैं. इस कारण से ही गरीब हमेशा गरीब रह जाता है
आयशा खातून

कई लोगों का कहना है कि उनके पास दिल्ली में आधार कार्ड है, वोटर आईडी है लेकिन राशन कार्ड लेने के लिए उन्हें बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है

कम से कम 30 परिवार 8 बाय 4 के रूम में रहते हैं- घर में पुरुष दिहाड़ी करने के लिए बाहर जाते हैं और औरतें घर पर रहती हैं. उनका कहना है कि वो अपने बच्चों को तीन वक्त की रोटी खिलाने की कोशिश करते हैं लेकिन अगर राशन कार्ड उन्हें मिल जाता तो उनकी मुश्किल आसन हो जाती है.

जब अधिकारी आए तो हमने उन्हें बताया कि हम बहुत गरीब हैं और हमारा खाना मेहनत-मजदूरी से आता है. हमारे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है. हमने उन्हें बताया है कि हमें राशन कार्ड चाहिए क्योंकि उससे खाना मिल जाता है
सुनीता, स्थानीय 
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'हम जरूर वोट करेंगे, लेकिन...'

सरकार से निराश होने के बावजूद कॉलोनी के लोगों का कहना है कि वो वोट डालेंगे लेकिन उनके क्षेत्र का चुना हुआ प्रतिनिधि उनकी दिक्कतों को भी दूर करे.

‘हम उन्हें वोट नहीं करेंगे जो हमारे लिए काम नहीं करते हैं, बस यही है, क्या मैं गलत हूं? हम उसके लिए वोट करेंगे जो हमारे लिए सोचता है काम करता है’
ममता

दिल्ली में लोकसभा चुनाव 12 मई को होंगे. चुने हुए प्रतिनिधि आएंगे, लेकिन क्या यहां के लोगों को राशन कार्ड जैसी सुविधाओं के लिए अगले दो साल का इंतेजार करना पड़ेगा?

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