चलिए आज एक टेस्ट करते हैं.
ब्लड टेस्ट नहीं.. CSC टेस्ट. ये टेस्ट 130 करोड़ भारतीयों के अंदर छिपे CSC वायरस को ढूंढ़ने के लिए होगा जो इस देश को खोखला कर रहा है. इस बीमारी के बारे में हमें पता तब चला जब भारत-पाकिस्तान मैच में अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) से एक कैच छूटा और कई लोगों के अंदर की ये बीमारी बाहर आ गई. डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे लोगों में CSC का सी वैरिएंट पाया गया. आप परेशान न हों. CSC के C से लेकर S, सबका मतलब बताएंगे, लेकिन पहले टेस्ट कर लेते हैं.
-खाते भारत का हैं और गाते किसी और देश का हैं. गद्दार..
-हिम्मत नहीं है तो चूड़ी पहन लो..
-अरे ओ भं&*$5/च$%*@ की तरह बात मत करो.
-मु^&* ने मैच हरवा दिया..
-इटली वाली
-पनौती अनुष्का
ये सब आपने सुना होगा, देखा होगा. मतलब आपके आसपास CSC का वायरस है. और अगर इस तरह के बीमारों का इलाज भारत ने नहीं ढूंढ़ा तो हम पूछेंगे जरूर जनाब ऐसे कैसे?
हां तो CSC का मतलब होता है. Communal, Sexist and Casteist. कई भारतीय इस बीमारी से ग्रसित हैं.
दुबई में खेले जा रहे एशिया कप के सुपर फोर मैच में भारत पाकिस्तान से पांच विकेट से हार गया. लेकिन इस हार का ठीकरा तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह पर कुछ लोगों ने फोड़ा, क्योंकि अर्शदीप ने पाकिस्तान के बल्लेबाज आसिफ अली का कैच, मैच के 18वें ओवर की तीसरी गेंद पर छोड़ दिया था. तब पाकिस्तान को जीत के लिए 31 रन चाहिए थे.
और तो और अर्शदीप के विकिपीडिया पेज को किसी अज्ञात यूजर ने एडिट कर खालिस्तानी जोड़ दिया. वीडियो की शुरुआत में मैंने CSC के C वैरिएंट की बात की थी. जी वो कम्यूनल वाला C था. मतलब सांप्रदायिक.
अर्शदीप सिंह के पिता दर्शन सिंह सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्यॉरिटी फोर्स यानी सीआईएसफ में इंस्पेक्टर रह चुके हैं, लेकिन फिर भी सांप्रदायिक लोगों ने अर्शदीप को खालिस्तानी बता दिया. याद है तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन, तब किसानों को खालिस्तानी बताया गया था. याद है नागरिकता संशोधन कानून CAA और NRC के खिलाफ आंदोलन, तब एक धर्म को लोगों को आतंकी, गद्दार सब कहा गया.
मोहम्मद शमी की देशभक्ति पर सवाल?
यही नहीं जब साल 2021 में टी 20 वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में ज्यादा रन दे दिए थे तब मोहम्मद शमी "पाकिस्तानी" बना दिए गए थे. उनके देशभक्ति पर सवाल उठाया गया.
आमिर खान, असदुद्दीन ओवैसी, शाहरुख खान, फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर, यहां तक की देश के उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी को कम्यूनल लोगों के संक्रमण का संताप सहना पड़ा.
हालांकि अर्शदीप और शमी के केस में एक अच्छा काम हुआ. ऐसे कम्यूनल वैरिएंट वालों के खिलाफ यूनिटी की वैक्सीन काम आ गई. विराट कोहली, इरफान पठान और कई नेता अर्शदीप और शमी के समर्थन में आ गए. यही नहीं आईटी मंत्रालय ने विकिपीडिया फाउंडेशन के एक्जेक्यूटिव को समन भेजा और पूछा कि बताओ अर्शदीप का पेज पर खालिस्तानी कैसे जोड़ा गया.
Sexist वायरस
ये तो हुई एक C यानी कम्यूनलिज्म की बात. अब आपको CSC के S वैरिएंट वाले वायरस से मिलवाते हैं. यानी सेक्सिस्ट.
याद है जब वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में भारत के खराब खेल के लिए अनुष्का शर्मा को दोषी ठहराया गया था. विराट और टीम इंडिया के लिए अनुष्का को बुरा-भला कहा गया. पनौती, अशुभ औरत, पत्नी की काल्पनिक बदकिस्मती की बात कही गई.
इस देश में सेक्सिजम का कीड़ा संसद से लेकर सड़क पर मिल जाएगा. याद है न इस देश के नेताओं ने कभी औरतों के बारे में टंच माल, आइटम, 100 करोड़ की गर्लफ्रेंड जैसी बातें भी कही हैं.
दुति चंद के साथ दुर्व्यवहार आपको याद होगा ही. वहां भी सेक्सिस्ट वायरस काम कर रहा था. अभी हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह लड़कियां अपने बॉयफ्रेंड बदलती हैं, वही स्थिति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की है. कैलाश विजयवर्गीय नीतीश पर अटैक कर रहे थे लेकिन उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपनी कुंठित सोच का प्रदर्शन कर दिया.
अब अगर आप के आसपास कोई 'विधवा विलाप', 'तुम बहुत खूबसूरत हो तुमसे तो कोई भी शादी कर लेगा', 'लड़की हो अपने दायरे में रहो' जैसी बात कहे तो समझ जाइए उनके अंदर सेक्सिस्ट वायरस है. और उन्हें भी वैक्सीन चाहिए.
C फॉर कास्टिस्ट
अब आपको CSC के एक और C यानी कास्टिजिम से मिलवाते हैं. बात है टोक्यो ओलंपिक की. जब अर्जेंटीना के खिलाफ भारतीय महिला हॉकी टीम के हारने के बाद कुछ लोगों ने हरिद्वार के एक गांव में रहने वाली हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के परिवार पर जातिगत टिप्पणियां की थीं.
टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद कुछ लोग गूगल पर पीवी सिंधू के खेल से कहीं ज्यादा उनकी जाति सर्च करने में लगे हुए थे. साल 2018 में जब भारत की एथलीट हिमा दास ने World Under 20 Championship में गोल्ड मेडल जीता था, तब भी लोगों ने उनकी जाति को इंटरनेट पर खूब सर्च किया था. इसी तरह भारतीय क्रिकेटर संजू सैमसन की जाति भी लोग जानने के लिए परेशान थे.
CSC यानी Communal, Sexist and Casteist से बीमार लोगों के लिए Equality और unity का बूस्टर डोज चाहिए. ऐसे लोगों के संविधान की शरण में जाना चाहिए. सारी बीमारियों की दवा प्रीएम्बल में मिल जाएगी. भारत में जब तक CSC का ट्रिपल वायरस रहेगा हम तो पूछेंगे जनाब ऐसे कैसे?
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