वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को साल 2018-19 का बजट पेश किया. बीजेपी ने इसे आम और खास, सबके लिए सुनहरा बजट बताया है, लेकिन जानकार इसे 2019 चुनावों से पहले मिला-जुला बजट बता रहे हैं. द क्विंट के एडिटर-इन-चीफ राघव बहल के मुताबिक, सरकार ने जो घोषणाएं की हैं, उनको लागू कर पाना बड़ी चुनौती है.
सरकार ने काफी सेफ बजट पेश किया है. बजट में जो बड़ी बातें बोली गई हैं, उन्हें लागू कर पाना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी.राघव बहल, एडिटर-इन-चीफ, द क्विंट
10 करोड़ परिवार को पांच लाख रुपये तक का बीमा मिलेगा. ये सरकार की बहुत बड़ी स्कीम है. हालांकि इस बारे में डिटेल देखने की जरूरत है. ऐसी योजनाओं को असल में लागू करना बहुत मुश्किल होता है.राघव बहल, एडिटर-इन-चीफ, द क्विंट
सरकार को सबसे ज्यादा गर्वनेंस, शिक्षा, कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ में फोकस करने की जरूरत है. बाकी चीजों पर कम ध्यान देना चाहिए. ऐसे में देश की इकनॉमी में मजबूती आएगी.
बजट 2018 की मुख्य बातों पर एक नजर:
बजट में वित्त मंत्री का जोर ग्रामीण भारत और खेती-किसानी पर था. अगले साल के आम चुनाव को देखते हुए कई योजनाओं और प्रोत्साहनों की घोषणा की गई. पढ़िए बजट की प्रमुख बातें:
- शिक्षा और स्वास्थ्य अधिभार तीन से बढ़ाकर चार फीसदी की जाएगी
- नौकरीपेशा लोगों को 40,000 रुपये तक स्टेंडर्ड डिडकशन का फायदा
- बैंक डिपॉजिट ब्याज पर छूट 10 हजार रुपए से 50 हजार रुपए
- एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालीन पूंजीगत फायदे पर 10% टैक्स
- नौकरीपेशा लोगों के लिए आयकर दर में कोई बदलाव नहीं
- 250 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियों पर 25% टैक्स
- वित्त वर्ष 2017-18 के लिए फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 3.5% का अनुमान
- वित्त वर्ष 2018-19 के लिए फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 3.3%
- वित्त वर्ष 2017-18 में डायरेक्ट टैक्स 12.6% बढ़ा
- वित्त वर्ष 2017-18 में इनडायरेक्ट टैक्स 18.7% बढ़ा
- भारतीय रेल के लिए 2018-19 में 1,48,528 करोड़ रुपये
- वित्त वर्ष 2018-19 में कपड़ा क्षेत्र के लिए 7,148 करोड़ रुपये
- हर तीन संसदीय क्षेत्रों में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलेगा
- अगले तीन सीलों तक नए कर्मचारियों को 12% ईपीएफ
- अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए एकलव्य स्कूल शुरू होंगे
- साल 2019-10 में कृषि के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का लोन
- ऑपरेशन ग्रीन के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन
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