बिहार (Bihar) के नवादा (Nawada) जिले में जमीन विवाद (Land Dispute) को लेकर दबंगों ने बुधवार, 18 सितंबर की शाम को महादलित बस्ती में आग लगा दी. मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ननौरा के पास स्थित कृष्णा नगर महादलित बस्ती का है.
ग्रामीणों का आरोप है कि दबंगों ने 70-80 घरों में आग लगाई. हालांकि, पुलिस 34 घरों के जलाने की बात कह रही है. जिनमें से 21 घर पूरी तरह से और 13 घर आंशिक रूप से जले हैं.
इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी नंदू पासवान सहित 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही आरोपियों से 3 देसी कट्टा और खोखा भी जब्त किया है. वहीं स्थिति को देखते हुए पुलिसफोर्स गांव में कैंप कर रही है.
"एक तरफ से आए और आग लगा दिए"
क्विंट हिंदी से बातचीत में गांव की रहने वाली एक महिला ने बताया कि "घटना बुधवार शाम साढ़े 6 बजे की है. एक तरफ से लोग आए और घरों में आग लगा दी. इसके बाद वो लोग फायरिंग करने लगे."
महिला का कहना है कि आरोपियों ने करीब एक-डेढ़ घंटे तक गांव में उपद्रव मचाया और लोगों के साथ मारपीट की. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि घर में रखा खाने-पीने का सारा सामान जल गया है.
स्थानीय निवासी गौतम कुमार ने बताया कि "कम से कम 100 लोग गांव में घुसे और आते के साथ गोली चलाने लगे और घरों में आग लगा दी. जान-माल का नुकसान हुआ है."
उन्होंने आगे बताया कि घटना के दौरान हर्ट अटैक आने से एक व्यक्ति की मौत भी हुई है.
वहीं नवादा पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान ने मीडिया से बातचीत में कहा,
"शाम 7-7:15 बजे हमें सूचना प्राप्त हुई थी कि यहां पर कुछ व्यक्तियों द्वारा घरों को जलाया गया है. शुरुआत में 40-50 घरों को जलाने का दावा किया जा रहा था. पुलिस ने 21 घरों को चिह्नित किया गया है, जो क्षतिग्रस्त हुए हैं."
फायरिंग के दावों पर एसपी ने कहा कि "हमें मौके से अभी तक खोखा नहीं मिला है. हमारी टीम जांच कर रही है."
30 साल पुराना जमीन विवाद
पुलिस के मुताबिक, मामला जमीन विवाद से जुड़ा है. जो कि साल 1995 से चल रहा था.
एसपी ने बताया कि "जमीन को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा था. एक पक्ष, जो बसा हुआ है, उनका कब्जा है, जबकि दूसरा पक्ष काफी समय से इसपर अपना दावा कर रहा है. उनके द्वारा ये हरकत की गई है."
स्थानीय निवासी गौतम कुमार ने बताया, "ये एक विवादित जमीन से जुड़ा मामला है. यहां पर लोग सालों से रह रहे हैं. कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से जमीन का म्यूटेशन करवा लिया. इसके बाद साल 1995 में कोर्ट में केस हुआ. जब अभी कोर्ट में केस चल रहा है तो फिर आग लगाने की क्या जरूरत थी. बल प्रयोग करके क्यों जमीन खाली करवाया जा रहा है."
उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि इन सबके लिए नंदू पासवान जिम्मेदार है.
पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, "घटना स्थल पर मौजूद व्यास मुनी नाम के शख्स ने बताया कि झोपड़ी से संबंधित जमीन पर वर्तमान में टाइटल सूट संख्या 22/1995 व्यवहार न्यायालय, नवादा में चल रहा है."
पुलिस ने इस मामले में BNS की धारा-191(2), 191(3), 190(1), 109(1), 352, 351(2)(3), 326(G), 303(2), 111(3), 61(2)(a) सहित आर्म्स एक्ट और SC/ST एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत 28 नामजद एवं अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है.
रविदास और मांझी समुदाय से पीड़ित
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों के घर जलाए गए हैं वो अनुसूचित जाति- रविदास और मांझी से आते हैं. वहीं मुख्य आरोपी भी अनुसूचित जाति-पासवान से है.
स्थानीय पुलिस सूत्रों ने बताया कि नंदू पासवान प्रॉपर्टी कारोबार से जुड़ा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने बताया कि नंदू पासवान अपने फायदे के लिए सरकारी जमीन से महादलित बस्ती को हटाकर खुद कब्जा करने की फिराक में था.
70-80 साल पहले बसे कृष्णानगर महादलित बस्ती में अनुसूचित जाति के लगभग 400 लोग रहते हैं. महादलित बस्ती के लगभग सभी निवासी दिहाड़ी मजदूर हैं.
"महा जंगलराज! महा दानवराज! महा राक्षसराज!"
नवादा में हुई इस घटना के बाद सियासत भी तेज हो गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा.
उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "महा जंगलराज! महा दानवराज! महा राक्षसराज! नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के राज में बिहार में आग ही आग. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेफिक्र, NDA के सहयोगी दल बेख़बर! गरीब जले, मरे-इन्हें क्या? दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा."
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया, "बिहार के नवादा में दबंगों द्वारा गरीब दलितों के काफी घरों को जलाकर राख करके उनका जीवन उजाड़ देने की घटना अति-दुखद व गंभीर. सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही पीड़ितों को पुनः बसाने की व्यवस्था के लिए पूरी आर्थिक मदद भी करे."
वहीं आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने इस घटना को "जंगलराज का जीता-जागता उदाहरण" कहा है. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पीड़ितों की आर्थिक मदद और मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. ृ
मामले की न्यायिक जांच हो- चिराग पासवान
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने घटना की निंदा करते हुए मुख्यमत्री नीतीश कुमार से पीड़ितों को आर्थिक मदद देने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने X पर लिखा, "मामले की न्यायिक जांच की भी मांग करता हूं ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी घटना करने की हिमाकत भी न करे. पीड़ित परिजनों के प्रति मेरी और मेरे पार्टी की गहरी संवेदना है, मैं जल्द ही घटनास्थल का दौरा कर परिजनों से मुलाकात करूंगा."
इस मामले में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नवादा के डीएम और एसपी से बात की है. उन्होंने कहा, "पीड़ितों को राहत दी गई है. पुलिस वहां कैंप कर रही है. मैं खुद 22 सितम्बर को नवादा में अपनों के बीच रहूंगा."
वहीं जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, "सरकार इस पर कड़ी कार्रवाई करेगी. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा."
उनके साथ ही बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने भी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
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