ADVERTISEMENTREMOVE AD

"बिहार में आरक्षण 50% से बढ़ाकर 65% किया जाए": सीएम नीतीश कुमार का बड़ा प्रस्ताव

Bihar reservation Quota: बिहार में ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण 75 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है.

छोटा
मध्यम
बड़ा

Bihar Reservation Quota: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में आरक्षण का कोटा 50% से बढ़ाकर 65% करने का प्रस्ताव रखा है. EWS यानी इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण 75 फीसदी हो जाएगा.

इसके बाद कैबिनेट की बैठक में आरक्षण बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. राज्य सरकार 9 नवंबर को बिहार विधानसभा में आरक्षण बढ़ाए जाने का बिल लाएगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिहार में अभी कितना आरक्षण?

  • पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा को 27 %

  • SC और ST को 17%

  • EWS को 10%

  • महिला 3 % आरक्षण था जो समाप्त हो गया

  • विकलांग को 3 %

  • सेनानी 1 %

आगे कितना करने का प्रस्ताव?

  • अनुसूचित जाति को 16 से बढ़ाकर 20%

  • अनुसूचित जनजाति को 1 से 2%

  • पिछड़ा और अति पिछड़ा को 27% से बढ़ाकर 43%

  • EWS को 10%

बिहार में आरक्षण की सीमा को 50% से बढ़ाकर 65% करने यह प्रस्ताव विधानसभा में जाति सर्वेक्षण पर पूरी रिपोर्ट पेश किए जाने के कुछ घंटों बाद सीएम नीतीश कुमार रखा.

सुप्रीम कोर्ट ने तय की है आरक्षण की अधिकतम सीमा- 50%

सुप्रीम कोर्ट ने, इंद्रा साहनी मामले में, 1992 में आरक्षण की सीमा 50% तय कर दी थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में अप्रत्यक्ष रूप से 50% की सीमा को क्रॉस करने को स्वीकार कर लिया जब उसने 3:2 के बहुमत के फैसले से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% आरक्षण लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी.

बिहार में सबसे गरीब भूमिहार-यादव

बिहार सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में जातिगत आर्थिक सर्वे पेश किया. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में छह हजार से कम आय वाले 94 लाख से ज्यादा परिवार हैं. 6 हजार रुपए से कम मासिक आमदनी वाले परिवारों को गरीब माना गया है. राज्य में परिवारों की कुल संख्या 2 करोड़ 76 लाख 68 हजार 930 है, जिसमें 94 लाख 42 हजार 786 परिवार गरीब है.

रिपोर्ट के मुताबिक, सामान्य वर्ग में 25.09 फीसदी गरीब परिवार हैं, जबकि पिछड़ा वर्ग में 33.16 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58 फीसदी, अनुसूचित जाति में 42.93 फीसदी, अनुसूचित जनजाति में 42.70 फीसदी और अन्य प्रतिवेदित जातियों में 23.72 फीसदी गरीब परिवार हैं.

सामान्य वर्ग में गरीबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो भूमिहार में सबसे ज्यादा 27.58 फीसदी परिवार गरीब हैं. वहीं पिछड़ा वर्ग में यादवों में सबसे ज्यादा 35.87 फीसदी परिवार गरीब हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार की 22.67 आबादी कक्षा पांच तक पढ़ी है. वहीं 14.33 फीसदी आबादी कक्षा 8वीं तक पढ़ी है. 14.71 फीसदी आबादी हाईस्कूल पास है. 9.19 फीसदी आबादी इंटरमीडिएट पास है. जब 7 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रेजुएट है.

सरकारी नौकरी की बात करें तो यह सबसे ज्यादा 3.19 फीसदी सामान्य वर्ग के पास है. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, सामान्य वर्ग में सबसे अधिक 6.68 फीसदी कायस्थ जाति के पास सरकारी नौकरी है. वहीं पिछड़ा वर्ग में भाट या भट के पास सबसे अधिक 4.21 फीसदी सरकारी नौकरी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×