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कांग्रेस महाधिवेशन: भीतरी लड़ाई से निपटना पार्टी की बड़ी चुनौती

महाधिवेशन में कई प्रस्ताव पास हुए, जैसे राजनीतिक प्रस्ताव, विदेश नीति प्रस्ताव. लेकिन सबसे अहम था आर्थिक प्रस्ताव.

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राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी का पहला अधिवेशन दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुआ. तीन दिन तक चलने वाले इस महाधिवेशन में पार्टी की दशा और दिशा पर बातचीत की गई. देशभर से आए कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी ने अपने विजन से रूबरू कराया. साथ ही सत्ताधारी बीजेपी, पीएम मोदी, अमित शाह पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं गंवाया.

पीएम मोदी, अमित शाह पर जमकर हमला

राहुल गांधी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम लिए बगैर उनकी अलोचना करते हुए राहुल ने कहा कि 'वे (बीजेपी) ऐसे शख्स को अपना अध्यक्ष स्वीकार कर सकते हैं, जिनके ऊपर हत्या का आरोप है. लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि ये सच्चाई का संगठन है." उन्होंने बीजेपी और आरएसएस की तुलना महाभारत के कौरवों से की और कहा कि दोनों संगठन 'सत्ता के लिए लड़ने' के लिए बने हैं. राहुल गांधी ने कहा- 'सदियों पहले कुरुक्षेत्र में महासंग्राम हुआ था, जिसमें कौरव शक्तिशाली और अहंकारी थे. जबकि पांडव विनम्र थे, जिन्होंने सच्चाई के लिए युद्ध किया.’

पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि मोदीजी अब सूट नहीं पहनते, अब वो सोच रहे हैं कि गुजरात तो निकल गया लेकिन शायद 2019 न निकल पाए. राफेल को लेकर भी राहुल ने बीजेपी पर आरोप लगाया.  
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आर्थिक प्रस्ताव में बीजेपी की नीतियों की निंदा

तीन दिन के महाधिवेशन में कई प्रस्ताव पास हुए, जैसे राजनीतिक प्रस्ताव, विदेश नीति प्रस्ताव. लेकिन सबसे अहम था आर्थिक प्रस्ताव. इसके प्वाइंटर्स देखकर लगता है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव की राजनीति को भी बीजेपी की आर्थिक नीति पर हमला करके जीतना चाहती है.

कांग्रेस के आर्थिक प्रस्ताव की खास बातें

  • बीजेपी की वन नेशन वन पॉलिसी से देश के गरीबों को फायदा नहीं
  • नोटबंदी देश की सबसे बुरी तरह से प्लान की गई योजनाओं में से एक है
  • नोटबंदी में 100 से ज्यादा मौतें हुईं, सरकार गैरजिम्मेदार
  • बैंकों को लूटने वालों को भागने में सत्ता के लोगों ने मदद की
  • GST को सही तरीके से लागू नहीं किया गया
  • प्राइवेटाइजेशन की वकालत करने वाली सरकार के कारण पब्लिक सेक्टर बर्बाद हो रहा है
  • आधार अब लोगों को काबू करने का जरिया बन रहा है
  • हर दिन 30 हजार नए लोग नौकरी चाहते हैं, इनमें से केवल 450 को नौकरी मिलती है
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राजनीतिक प्रस्ताव में सकारात्मकता की बात

'सबका साथ-सबका विकास' बीजेपी का ये नारा 2014 के चुनावों में कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत बना था. अब कांग्रेस ये ऐलान कर रही है कि बीजेपी का ये नारा जुमला और झूठ था. कांग्रेस के राजनीतिक प्रस्ताव में ये साफ है कि वो सकारात्मक राजनीति की तरफ जाएगी.

सोनिया गांधी 2019 में निभा सकती हैं बड़ी भूमिका

कांग्रेस महाधिवेशन में राहुल गांधी की अध्यक्षता पर मुहर लगी और सबसे ज्यादा नारे तब लगे जब वो स्टेज पर आए. लेकिन सोनिया गांधी ने भी अपने भाषण से जता दिया है कि साल 2019 में होने वाले आम चुनाव में विपक्ष को एकजुट करने में वो बड़ी भूमिका निभा सकती हैं.

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पार्टी के भीतर की लड़ाई पर करना होगा काबू

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण में जता दिया है कि पार्टी के भीतर चुनाव से पहले होने वाले विवादों से निपटने पर उनकी प्राथमिकता होगी. उन्होंने कार्यकर्ताओं से ये भी आग्रह किया कि आपसी विवाद भूलाकर ये चुनाव में जुटने का समय है.

ऐसे में इस महाधिवेशन में कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ाने वाली हर तरकीब अपनाई गई, राहुल गांधी पूरे कप्तानी वाले फॉर्म में नजर आए. अब इन सबका कितना असर होता है ये अगले कुछ महीनों में दिखना शुरू होगा.

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