वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
यूपी के आजमगढ़ (Azamgarh) के पलिया गांव से बुधवार 29 जून को एक भयावह घटना सामने आई. पलिया गांव के प्रधान मुन्ना पासवान (Munna Paswan) और उनके आसपास के दलित परिवारों (Dalit Family) के घरों को निशाना बनाया गया.
स्थानीय लोगों ने बताया कि देर रात पुलिस ने JCB लाकर प्रधान और उनके आसपास के घरों को तोड़ा. साथ ही प्रधान के घर के सामने रखे ट्रैक्टर को भी नुकसान पहुंचाया. महिलाओं ने आरोप लगाए कि पुलिस ने उनके साथ गाली गलौच और छेड़छाड़ भी की. इसके साथ घरों से कीमती सामान और जेवर भी लूट ले गए.
महिला बताती हैं कि गांव के एक विवाद में पुलिस ने जबरन वहां के प्रधान को थाना ले जाने की कोशिश की और उनसे मारपीट की. जिससे प्रधान के नाक से खून आ गया. इसके बाद प्रधान और उनके समर्थकों में हल्की झड़प हुई. कुछ देर बाद पुलिस ने आकर प्रधान और उनके आसपास के घरों में तोड़फोड़ की.
जातिवादी टिप्पणी और महिला से अभद्रता
गांव की महिला बताती हैं कि पुलिस ने घर ने तोड़फोड़ के दौरान उनसे गाली गलौच और बदतमीजी की. उन्होंने बताया कि एक पुलिस अफसर ने उन पर जातिवादी टिप्पणी की और डंडे से उन्हें पीटा भी. जब घर की बुजुर्ग महिला उनके बचाव में आईं तो पुलिस ने उन्हें भी मारा.
वो आगे बताती हैं कि रात की तोड़फोड़ के बाद पुलिस का एक जत्था सुबह फिर आया. उस जत्थे में से एक पुलिस अफसर ने कहा "कल रात मजा नहीं आया इसलिए आज और मजा लेने आए हैं.”
"क्या छोटी जात की औरतें सिर्फ मजे लेने के लिए होती हैं?”सुनीता ने आगे बात चीत में कहा
आजमगढ़ पुलिस ने एक बयान जारी कर तोड़फोड़, लूट और छेड़छाड़ मामले से इनकार किया है.
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