ADVERTISEMENTREMOVE AD

Delhi Yamuna Flood: न खाना, न ठिकाना, दिल्ली के कई इलाके डूबे - Ground Report

Yamuna Flood | लोगों के लिए स्थानीय स्तर पर इंतजाम जरूर किए गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों की कई तरह की शिकायतें हैं.

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

दिल्ली में अपने प्रदूषण के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाली यमुना नदी (Yamuna Flood) अब अपना रौद्र रूप दिखा रही है. इसकी लहरें लोगों के लिए रातों रात मुसीबत बनकर आई और घर बार छोड़कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी.

अब लोगों की आंखों में आंसू है, बच्चों की किताबें घरों में हैं, और पानी कब उतरेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं. क्विंट हिंदी की टीम हालात का जायजा लेने ग्राउंड पर गई. हमने ग्राउंड पर जो देखा वो आपको दिखा रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
8 जुलाई से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बुधवार, 12 जुलाई को इसका स्तर 207.49 मीटर के 45 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर 207.55 के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया. 13 जुलाई को इसका जलस्तर सुबह 7 बजे 208.46 मीटर रिकॉर्ड किया गया.

बाढ़ ने हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. लोग राहत शिविरों में रहे हैं. कहीं स्कूल तो कहीं धार्मिक स्थलों को ही राहत कैंप में तब्दील कर दिया गया है. लोगों के घर डूबे हुए देखने के बाद हम बदरपुर विधानसभा में जैतपुर इलाके के एक राहत कैंप में गए. यहां लोग घंटों से बिना खाना पानी पीए बैठे थे. बच्चों के चेहरों पर मायूसी थी.

NDRF की टीमें लोगों को निकालने मेंं लगी हैं. NDRF के इंस्पेक्टर विक्की ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा कि हमारी 3 बोट तैनात हैं और कुल 24 लोग राहत बचाव के काम में जुटे हैं. हर घर में जाकर देखा जा रहा है कि कहीं कोई फंसा तो नहीं है.

0

जैतपुर वॉर्ड के पार्षद श्रीचंद वोहरा और विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी से भी हमने बात की. लोगों के लिए स्थानीय स्तर पर इंतजाम जरूर किए गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों की कई तरह की शिकायतें हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×