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PNB घोटाला : नीरव मोदी जैसे घोटालेबाज कैसे भाग जाते हैं विदेश?

सिस्टम की मिलीभगत के बिना क्या ये फरारी मुमकिन है?

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पंजाब नेशनल बैंक के 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले ने बिजनेस की दुनिया में तूफान मचा रखा है, लेकिन घोटाले का आरोपी नीरव मोदी देश छोड़कर निकल गया है. जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, डायमंड कारोबारी नीरव मोदी इस वक्त अमेरिका के न्यूयॉर्क में है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई की एफआईआर से पहले ही नीरव मोदी को खतरे की भनक लग गई थी और वो देश से निकल गया.

वक्त पर नहीं जागा ED?

वैसे नीरव मोदी ने सिर्फ 11, 300 करोड़ का घोटाला ही नहीं किया है. उसके खिलाफ ईडी ने भी 280 करोड़ रुपये के एक दूसरे घोटाले में एफआईआर दर्ज की है. इस सिलसिले में ईडी ने नीरव मोदी के मुंबई और दिल्ली के कई ठिकानों पर छापामारी की. एफआईआर 31 जनवरी को दर्ज की गई थी, यानी ईडी ने वक्त पर कार्रवाई नहीं की और अब वो लकीर पीट रहा है. और नीरव मोदी साहब तो विदेश जा ही चुके हैं.

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वैसे ये हैरानी की बात है कि छोटे-मोटे चोर-उचक्‍के तो जांच एजेंसियों के हाथ लग जाते हैं, लेकिन अमीर कारोबारी विदेश भाग जाते हैं. कुछ ऐसा ही शराब कारोबारी विजय माल्या के वक्त हुआ था. जैसे ही विजय माल्या को पता चला कि बैंक लोन घोटाले में सीबीआई और ईडी कार्रवाई करने वाले हैं, वो फौरन लंदन भाग गया.
सिस्टम की मिलीभगत के बिना क्या ये फरारी मुमकिन है?
फरार घोटालेबाज : विजय माल्या (बायें), ललित मोदी (मध्य), नीरव मोदी (दायें)
(फोटो : नीरज गुप्ता)

ऐसा ही आईपीएल के कमिश्नर रहे ललित मोदी के साथ हुआ था. कार्रवाई से पहले जनाब विदेश भाग गए और वहां मौज से रह रहे हैं.

पंजाब नेशनल बैंक की दलील है कि घोटाला 2011 से चल रहा था और खुद उसने ही घोटाले का पर्दाफाश किया और रिपोर्ट दर्ज करवाई. वैसे ये भी हैरानी की बात है कि विजय माल्या का लोन घोटाला और विनसम डायमंड घोटाला भी इसी पीएनबी में हुआ था.

बैंक अब कह रहा है कि रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही पूरा पैसा रिकवर हो जाएगा. हम सब जानते हैं कि ये तमाम प्रक्रियाएं कितनी जटिल होती हैं और रिकवरी में बरसों लग जाते हैं. विजय माल्या इसका ताजा उदाहरण है.

कौन भुगतेगा नुकसान?

बैंकों के बीच इस बात को लेकर खींचतान शुरू हो गई है कि करोड़ों रुपये का ये नुकसान आखिर भुगतेगा कौन. दरअसल पीएनबी के एलओयू यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग पर पैसा तो कई बैंकों से उठाया गया था. अगर नीरव मोदी से रिकवरी नहीं हुई, तो आखिरी देनदारी किसकी होगी?

ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं:

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सिस्टम की मिलीभगत के बिना क्या ये फरारी मुमकिन है?
PNB घोटाले के अनसुलझे सवाल.
(ग्राफिक्स : नीरज गुप्ता)

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