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Manish Kashyap: डायरी, मोबाइल और एक पुराना वीडियो बढ़ाएगा मनीष कश्यप की मुसीबत?

Manish Kashyap Arrest: मनीष कश्यप पर अपनी कंपनी के कर्मचारियों के नाम पर हेराफेरी का आरोप भी लग रहा है.

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तीन डायरी, एक मोबाइल फोन और एक वीडियो. यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) मामले की जांच अब इन तीन चीजों के इर्द-गिर्द घूम रही है. बिहार आर्थिक अपराध इकाई यानी EOU इनकी गुत्थी सुलझाने में जुटी है. इस वीडियो में आपको बताएंगे उन तीन डायरी के बारे में. साथ ही ये भी क्यों EOU को मनीष के मोबाइल की तलाश है? समझने की कोशिश करेंगे कि क्या ये चीजें मनीष कश्यप की मुसीबत और बढ़ा सकती हैं.

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तीन डायरी में क्या है?

सबसे पहले बात तीन डायरी की. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मनीष कश्यप के ऑफिस से EOU को तीन डायरी मिली है. इसके जरिए पटना और बिहार के कई कोचिंग संस्थानों से मनीष कश्यप के संबंधों की जांच की जा रही है. आरोप है कि मनीष अपने यूट्यूब पर कोचिंग संस्थानों के विज्ञापन न चलाकर पेड इंटरव्यू और पेड-न्यूज चलाता था. इसके बदले वह कोचिंग संस्थानों से कैश में पैसे लेता था जो 50 हजार से एक-डेढ़ लाख रुपए तक है.

EOU को मनी लॉन्ड्रिंग का भी शक

बात सिर्फ डायरी तक नहीं सीमित है. EOU को मनी लॉन्ड्रिंग का भी संदेह है. बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि, मनीष कश्यप की दो प्राइवेट कंपनियां है-

  1. 'सच तक मीडिया प्राइवेट लिमिटेड'

  2. और 'सच तक फाउंडेशन प्राइवेट लिमिटेड'

दूसरी कंपनी को मनीष ने 'नॉट टू प्रॉफिट' बताया है. मतलब, कंपनी जितना भी पैसा कमा रही है, उसका प्रॉफिट मालिक को नहीं मिलेगा. इसका पैसा कंपनी के विकास पर खर्च होगा.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट की माने तो, मनीष ने 2021-22 फाइनेंशियल ईयर में साढ़े 6 लाख रुपए का घाटा दिखाया था. लेकिन उसपर आरोप हैं कि उसने अपने साथी के साथ मिलकर सैलरी के नाम पर अब तक 40 लाख रुपए लिए. 'सच तक' के दफ्तर में छापेमारी के दौरान EOU को कई दस्तावेज भी मिले हैं. जिसकी जांच की जा रही है.

इसके साथ ही मनीष पर कंपनी के कर्मचारियों के नाम पर भी हेराफेरी का आरोप लग रहा है. बीबीसी ने EOU के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मनीष कश्यप अपने स्टाफ को आठ से बारह हजार रुपए सैलरी देता था, लेकिन हर साल उसके स्टाफ के खाते में 10-12 लाख का ट्रांजेक्शन देखा गया है.

मनीष के मोबाइल की तलाश जारी

EOU दूसरी तरफ एक मोबाइल फोन की तलाश में भी जुटी है. अगर ये मोबाइल फोन मिल जाता है तो मनीष की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. इसको लेकर नोएडा में भी छापेमारी हुई है. दरअसल, ये मोबाइल फोन खुद मनीष कश्यप का है. मनीष इसी फोन से वीडियो बनाकर अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अपलोड करता था.

दैनिक भास्कर ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया है कि जांच एजेंसी ने सोशल मीडिया पर मनीष की तरफ से अपलोड किए गए वीडियो से संबंधित सबूत जुटा लिए हैं, लेकिन डिजिटल एविडेंस को और पुख्ता करने के लिए EOU उस मोबाइल की तलाश में जुटी है.

शुक्रवार को बिहार EOU की टीम ने यूपी पुलिस के साथ नोएडा में मनीष कश्यप के फ्लैट को भी सर्च किया. लेकिन मोबाइल नहीं मिला.

एक और मुकदमा दर्ज हो सकता है

फेक वीडियो के आरोपों में घिरे मनीष का एक पुराना वीडियो उसके गले की फांस बन सकता है. दरअसल, सोशल मीडिया पर मनीष कश्यप का एक वीडियो वायरल है. जिसमें वो महात्मा गांधी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा है. इसके साथ ही धर्म विशेष को लेकर भी आपत्तिजनक बातें कह रहा है.

अगर जांच में मनीष कश्यप के खिलाफ आरोप सही पाए जाते हैं तो उसके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हो सकता है. जिससे उसकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.

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