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Exclusive:मुजफ्फरनगर रेप पीड़ित को केस वापस लेने की मिल रही ‘धमकी’

मुजफ्फरनगर दंगे को 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब भी कई महिलाओं को इंसाफ का इंतजार है

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मुजफ्फरनगर दंगे को आज 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब भी कई महिलाओं को इंसाफ का इंतजार है.. एक ऐसा दंगा जिसने पूरे उत्तर भारत को हिला कर रख दिया था. मुजफ्फरनगर दंगों में पुरुषों ने अपनी ‘मर्दानगी’ साबित करने के लिए महिलाओं का रेप किया था. कई आरोप लगे, लेकिन सिर्फ 7 केस ही दर्ज हो पाए. अब एक रेप पीड़ित और उनके घरवालों का आरोप है कि केस वापस लेने के लिए लगातार धमकी दी जा रही है.

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लाख गांव की रहने वालीं आफरीन (बदला हुआ नाम) 2013 के सितंबर में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान अपने बेटे के साथ घर में अकेली थीं. अपने बच्चे को लेकर गांव के पीछे खेतों में अपनी जान बचाने के लिए भागीं, थोड़ी ही दूर जा कर जब वो थक गईं तो उन्होंने कुछ देर रुकने का फैसला किया, लेकिन तभी उन्हीं के गांव के 3 लोगों ने उन्हें दबोच लिया और गैंगरेप किया.

7 रेप केस और गैंग रेप केस में जो भी आरोपी थे उनकी गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है. जहां एक-एक कर कई केस पीड़ित महिलाओं ने वापस ले लिए वहीं आफरीन* अब भी इंसाफ का इंतजार कर रही हैं.

लेकिन दिवाली (7 नवंबर) से कुछ दिन पहले, तीनों बलात्कार आरोपी के परिवार वाले मामले को ‘रफा-दफा’ करने के लिए आफरीन के घर पहुंचे. आफरीन और उनके पति के लिए इस केस को लड़ना और जीतना ही उनके लिए सब कुछ है लेकिन लाख गांव के जाटों और आरोपियों को लगता है कि ये केस एक सिरदर्दी है और आफरीन और उनके पति को सामाजिक एकता के लिए समझौता कर लेना चाहिए.
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आफरीन के मुताबिक कई रेप पीड़िताओं ने पैसे लिए और गवाही बदल दी. 22 रेप आरोपी केस से बच निकले. बावजूद इसके आफरीन समझती हैं कि उन पीड़िताओं ने ये कदम क्यों उठाया?

उनके घर में और भी लोग हैं. सभी का प्रेशर था कि परिवार में किसी और के साथ हादसा न हो जाए. 5 सालों में आरोपी मेरे घर तक आ गए. मेरे साथ भी वो यही करना चाहते हैं लेकिन मैं उनके चक्कर में नहीं आऊंगी- न पैसे लूंगी न समझौता करूंगी.  
आफरीन, रेप पीड़िता

हादसे के बाद लाख गांव छोड़कर कांधला गांव में रहने वाले आफरीन के पति अहमद* का कहना है कि आरोपी उनपर दबाव बना रहे हैं.

जो भी हुआ लाख में उसके बाद हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वहां हालात काफी खराब थे. वहां जाने के बारे में तो सोचना दूर की बात है. हम सोचते भी नहीं कि वहां चले जाएं. अब कांधला ही हमारा घर है और यहीं रहेंगे. यहां भी आरोपी हम पर दबाव बना रहे हैं. अब यहां से कहां जाएं?  
अहमद*, आफरीन के पति

समझौते के लिए घर तक आरोपी के परिवारवालों के पहुंचने के बाद अब आफरीन को अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता है. उनका कहना है कि “अगर वो(आरोपी के रिश्तेदार) यहां तक आ सकते हैं समझौते की बात करने के लिए तो मेरे साथ कुछ भी करा सकते हैं. मैं सरकार से कहना चाहूंगी वो मेरी सुरक्षा का ध्यान रखें या न रखें लेकिन उन लोगों(आरोपी) को आगाह जरूर कर दें कि वो मेरे घर तक न आएं. अगर अहमद* के साथ कोई भी हादसा हो गया तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी, प्रशासन होगा.”

वहीं आरोपियों का परिवार आफरीन पर झूठा केस करने का आरोप लगा रहा है. आरोपियों में से एक के परिवार का कहना है कि

उसने(आफरीन) झूठ बोला क्योंकि रेप पीड़िताओं को 5 लाख रुपये मिलते. अगर सच्चाई होती तो उसी समय रिपोर्ट दर्ज होती, 6 महीने क्यों लगते? ये सिरदर्दी है. हम चाहते हैं कि ये ठीक हो जाए.  
प्रदीप मलिक, रेप आरोपी का भाई  

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