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‘अर्थव्यवस्था पर वित्त मंत्री विपक्ष के सुझाव नहीं लेना चाहती’

बजट 2020 से ठीक पहले क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने ‘राजपथ’ में चिदंबरम से खास बातचीत की.

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

वीडियो प्रोड्यूसर: मैत्रेयी रमेश, कनिष्क दांगी

कैमरा: अभिषेक रंजन

बजट 2020 से ठीक पहले क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने खास कार्यक्रम 'राजपथ' में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से बातचीत की. इस दौरान चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिहाज से सरकार ने अगर अभी कुछ नहीं किया तो आगे और तकलीफ आ सकती है. उन्होंने कहा कि मौजूदा 2020 की बात करें तो ये बर्बाद हो गया है.

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जब चिदंबरम से ये पूछा गया कि बजट 2020 के लिए वो सरकार को और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को क्या सुझाव देना चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में चिदंबरम साफ-साफ कहते हैं कि वो वित्त मंत्री को कोई सुझाव नहीं देना चाहते हैं क्योंकि वो विपक्ष की सुनती ही नहीं हैं.

मैं उन्हें कोई सुझाव नहीं देना चाहता. यहां तक कि हम जो संसद में कहते हैं वो उन्हें खारिज कर देती हैं, वो हमारे कोई सुझाव नहीं लेती हैं. वो हमारे सुझावों को सुनती नहीं हैं, वो विपक्ष की किसी भी बात को नहीं मानती हैं, तो हम उन्हें सुझाव क्यों दें? उन्हें ज्यादा जानकारी है.
पी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री
बजट 2020 से ठीक पहले क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने ‘राजपथ’ में चिदंबरम से खास बातचीत की.

'पीएम ने उद्योगपतियों के साथ बैठक करने में बहुत देरी कर दी'

बजट 2020 को ध्यान में रखते हुए चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उद्योगपतियों के साथ बैठक करने में बहुत देर कर दी है. उन्होंने कहा कि मीटिंग बहुत पहले हो जानी चाहिए थी. बता दें कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में कुछ उद्योगपतियों, अर्थशास्त्रियों के साथ हाई-प्रोफाइल मीटिंग की है.

ये मीटिंग करने में बहुत देरी हुई, आप 6-7 जनवरी को मीटिंग बुलाकर उसपर बजट बनाएं. ये मीटिंग बहुत पहले हो जानी चाहिए थी, अगर आपको एक अच्छा प्रस्ताव पेश करना है लेकिन अगर आपको सिर्फ कुछ ऐलान करना है तो होगी ही.
पी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री

चिदंबरम का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी और मौजूदा सरकार के पास कोई नया आइडिया नहीं है. ऐसे में टैक्स कट करने और प्राइवेट इंवेस्टमेंट को बढ़ावा देने वाली बात कोई नई चीज नहीं है.

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