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पत्रकार कनौजिया ने बताया- उनके साथ गिरफ्तारी के बाद क्या-क्या हुआ?

‘राज्य सरकारें हमेशा अपने फायदे के लिए पुलिस का इस्तेमाल करती हैं’

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

पिछले दिनों दिल्ली के पत्रकार प्रशांत कनौजिया को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर ट्वीट करने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया. प्रशांत पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने ट्वीट के जरिए योगी आदित्यनाथ की छवि धूमिल करने की कोशिश की है. बाद में सुप्रीम कोर्ट से प्रशांत को बेल दे दी गई. क्विंट ने प्रशांत से पूछा कि उनकी गिरफ्तारी के दिन क्या-क्या हुआ था? उन्हें किस तरह गिरफ्तार किया गया? गिरफ्तारी के बाद लखनऊ के रास्ते और फिर मजिस्ट्रेट के सामने क्या हुआ, जेल में क्या हुआ?

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प्रशांत ने क्विंट से बात करते हुए कहा कि अगर उन्होंने किसी के साथ गाली गलौज की हो तो उन पर कार्रवाई की जाए, लेकिन व्यंग्य के लिए कैसे किसी को जेल भेजा जा सकता है. ऐसे तो कई कॉमेडियन और लेखकों को जेल भेज दिया जाएगा. यह अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है.

प्रशांत ने खुद की गिरफ्तारी के तरीके पर भी सवाल उठाए. प्रशांत के मुताबिक, न तो उन्हें किसी भी तरह का डॉक्यूमेंट दिखाया गया, न ही पुलिसवाले वर्दी में उन्हें गिरफ्तार करने आए थे.

क्या है मामला

प्रशांत ने ट्वीट में एक वीडियो को शेयर किया था. वीडियो में एक महिला योगी आदित्यनाथ से कई पत्रकारों के साथ प्रेम संबंधों के दावे कर रही थी. प्रशांत का ट्वीट किया हुआ वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद उत्तरप्रदेश पुलिस हरकत में आई.

8 जून को प्रशांत को दिल्ली स्थित उनके अपॉर्टमेंट से गिरफ्तार कर लिया गया. उनकी गिरफ्तारी का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ. साथ ही उन्हें गिरफ्तार करने के तरीके पर भी सवाल उठाए गए.

पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन

प्रशांत की गिरफ्तारी का सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर विरोध किया गया. लोगों ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया. गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में पत्रकारों ने 10 जून को प्रेस क्लब पर प्रदर्शन किया.

कई वकीलों ने भी प्रशांत के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर सवाल उठाए. कहा गया कि एफआईआर जल्दबाजी में दर्ज की गई है. उनपर लगाई गई धाराओं की प्रासंगिकता पर भी सवाल खड़े किए गए.

प्रशांत के खिलाफ पहले IPC की धारा 500 (मानहानि) और IT एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया गया था. बाद में IPC की धारा 505 और IT की धारा 67 भी बढ़ा दी गई.

फिलहाल प्रशांत को सुप्रीम कोर्ट ने बेल दे दी है. उन्हें बेल देते हुए कोर्ट ने कहा कि वह प्रशांत के ट्वीट से सहमत नहीं हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी सही नहीं ठहराई जा सकती.

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