भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने राम मंदिर से लेकर चंद्रयान और दुनिया में जारी जंग का भी जिक्र किया. उन्होंने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भी श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति ने कहा कि, "75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं."
राष्ट्रपति के संबोधन की 10 बड़ी बातें:
"26 जनवरी को हम संविधान के प्रारंभ का उत्सव मनाएंगे, संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोग से शुरू होती है. ये शब्द हमारे संविधान के मूल भाव को रेखांकित करते हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है, इसीलिए भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ कहा जाता है. उन्होंने आगे कहा कि गणतंत्र दिवस, हमारे आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. जब हम, उनमें से किसी एक बुनियादी सिद्धांतों पर चिंतन करते हैं तो स्वाभाविक रूप से अन्य सभी सिद्धांतों पर भी हमारा ध्यान जाता है."
राष्ट्रपति ने कहा, "हमारे गणतंत्र की मूल भावना से एकजुट होकर 140 करोड़ से अधिक भारतवासी एक कुटुंब के रूप में रहते हैं. दुनिया के सबसे बड़े इस कुटुंब के लिए, सह-अस्तित्व की भावना, भूगोल द्वारा थोपा गया बोझ नहीं है, बल्कि सामूहिक उल्लास का सहज स्रोत है, जो हमारे गणतंत्र दिवस के उत्सव में अभिव्यक्त होता है."
राष्ट्रपति आगे कहा, "हम सबने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित भव्य मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक समारोह देखा. भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा, तब इतिहासकार, भारत द्वारा अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में इसका विवेचन करेंगे."
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने बिहार के पूर्व सीएम भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि, "मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि सामाजिक न्याय के लिए अनवरत युद्धरत रहे, कर्पूरी ठाकुर जी की जन्म शताब्दी का उत्सव कल ही संपन्न हुआ है. कर्पूरी जी पिछड़े वर्गों के सबसे महान पक्षकारों में से एक थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था. उनका जीवन एक संदेश था. अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए, मैं कर्पूरी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं."
जी20 का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन एक अभूत पूर्व उपलब्धी थी. जी20 शिखर सम्मेलन के माध्यम से ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में भारत के अभ्युदय को भी बढ़ावा मिला."
राष्ट्रपति ने कहा, "जब संसद ने एतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किया तो हमारा देश, स्त्री-पुरुष समानता के आदर्श की ओर आगे बढ़ा. जब सामुहिक महत्व के मुद्दों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी तब हमारी प्रशासमिक प्राथमिकताओं को जनता की आवश्यकताओं के साथ बेहतर सामंज्य बनेगा."
राष्ट्रपति ने आगे कहा, "ये वह साल भी था जब भारत चंद्रमा पर गया था और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बना था. चंद्रयान-3 के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने एक सौर मिशन भी शुरू किया. हाल ही में, आदित्य एल1 को हेलो कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया था. हमने नए साल की शुरुआत एक्सपीओसैट नामक अपने पहले एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट के लॉन्च के साथ की, जो ब्लैक होल जैसे अंतरिक्ष रहस्यों का अध्ययन करेगा. इस साल में कई और अंतरिक्ष मिशनों की योजना बनाई गई है. मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा नया मील के पत्थर पार करने वाली है."
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, "भारत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसकी वजह अर्थव्यवस्था की मजबूत सेहत है. हमारी जीडीपी की वृद्धि दर हाल के सालों में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक रही है. सरकार ने महामारी के दिनों में समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए योजनाओं का दायरा बढ़ा दिया था. बाद में कमजोर आबादी को उस संकट से बाहर निकालने के लिए मदद का हाथ बढ़ाने के लिए इन उपायों को जारी रखा गया. सरकार ने उस पहल का दायरा बढ़ाते हुए 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को पांच साल तक मुफ्त अनाज देने का फैसला किया है. यह इतिहास में अपनी तरह की सबसे बड़ी कल्याणकारी पहल हो सकती है."
राष्ट्रपति ने ये भी कहा, "हमारे खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का मान बढ़ाया है. पिछले साल आयोजित एशियाई खेलों में, हमने 107 पदक जीत कर इतिहास रचा और एशियाई पैरा खेलों में हमने 111 पदक जीते. हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि महिलाएं हमारी पदक तालिका में ज्यादा योगदान दे रही हैं. मुझे यकीन है कि हमारे खिलाड़ी, जो इस नए आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, आगामी पेरिस ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करेंगे."
दुनिया में जारी जंग को लेकर राष्ट्रपति ने कहा, "हाल के दिनों में दुनिया भर में कई जगहों पर संघर्ष जारी हैं और इसके कई हिस्से हिंसा से पीड़ित रहे हैं. जब दो परस्पर विरोधी पक्षों में से प्रत्येक यह मानता है कि वह सही है और दूसरा गलत है, तो तर्क की रोशनी में रास्ता निकालना चाहिए. दुर्भाग्य से, तर्क के बजाय, भय और पूर्वाग्रहों ने जुनून को बढ़ावा दिया है, जिससे लगातार हिंसा हो रही है. बड़े पैमाने पर मानवीय त्रासदियां हुई है, और हम मानवीय पीड़ा से परेशान महसूस करते हैं."
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