ये जो इंडिया है ना... यहां, AAP को तजिंदर बग्गा(Tajinder Singh Bagga) पसंद नहीं, तो पंजाब पुलिस उन्हें 'केजरीवाल की अवमानना' के लिए गिरफ्तार कर लेती है.
बीजेपी को ये पसंद नहीं... तो हरियाणा पुलिस, पंजाब पुलिस पर अपहरण का आरोप लगाकर, बग्गा को छुड़ा लाती है.
बीजेपी को जिग्नेश मेवाणी(Jignesh Mewani) पसंद नहीं, तो असम पुलिस उन्हें गुजरात से गिरफ्तार कर लेती है. उन्हें जमानत मिलती है तो उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया जाता है. आखिर में अदालत कहती है कि पुलिस के आरोप फर्जी हैं.
उद्धव ठाकरे के घर के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने के प्लान पर मुंबई पुलिस सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा पर राजद्रोह का केस लगा देती है. लेकिन अदालत उन्हें जमानत दे देती है और मुंबई पुलिस को फटकार भी लगाती है.
पंजाब पुलिस बनाम तजिंदर सिंह बग्गा
असम पुलिस बनाम जिग्नेश मेवाणी
मुंबई पुलिस बनाम अर्णब गोस्वामी
दिल्ली पुलिस बनाम दिशा रवि
उदहारण बहुत हैं.
दरअसल, ये जो इंडिया है ना... यहां नेता सियासी बदले के लिए पुलिस को हथियार बनाते हैं. जो एक लोकतंत्र में गलत है!
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