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उन्नाव VIDEO: योगीजी, कानून का दिखावा मत करिए, इंसाफ दिलाइए

उन्नाव की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है.

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वीडियो एडिटर: पुरुणेंदू प्रीतम

कैमरामैन: शिव कुमार

यूपी में यहां, वहां, जहां, तहां एनकाउंटर हो रहे हैं. जिनसे कभी जनता कांपती थी, वो अपराधी थर-थर कांप रहे हैं. थानों में शातिर जुर्म करने वाले भी हाथ जोड़कर कह रहे हैं---साहब, इनामी हूं, धर लो नहीं तो मर लूंगा. यही सब बताया गया न हम सबको....यही सब दिखाया न योगी सरकार ने पिछले कुछ महीनों में. मानो, यूपी की हवा बदल गई हो. लेकिन जब उन्नाव पर नजर जाती है सब हवाबाजी साबित होता है. सब मतलब सब. क्योंकि बीजेपी के आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर पर गैंगरेप जैसा संगीन आरोप लगा, लेकिन कार्रवाई में इतनी देरी क्यों योगीजी, आप ही ने कहा था न कि यूपी में अपराधियों के लिए जगह नहीं है...जब उपचुनाव हार रहे हों, जब सांसद चिट्ठियां लिख रहे हों, जब प्रदेश में हबड़-तबड़ मची हो तो याद्दाश्त गुम सी होती ही है...याद दिलाते हैं आपको...आप ही ने कहा था-

सत्ता के संरक्षण में पल रहे गुंडे माफिया, अपराधी, लुटेरे ये सबके सब मेहरबानी करके या तो उत्तर प्रदेश छोड़कर चले जाएं और अगर उत्तर प्रदेश में रहेंगे तो फिर उनके लिए सिर्फ दो जगह होंगी, मुझे लगता है कि उस जगह पर कोई भी नहीं जाना चाहेगा

पीड़ित लड़की ने की थी आत्मदाह की कोशिश

उन्नाव की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. एक लड़की सीएम हाउस के बाहर जाकर आत्मदाह की कोशिश करती है. वो आरोप लगा रही है कि उसका गैंगरेप हुआ. अपनी बेटी के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ता बाप कानून की चौखट पर सींखचों के भीतर दम तोड़ देता है, लेकिन मजलूमों के हक की बात करते मुख्यमंत्री का दिल नहीं पसीजता. माथे पर शिकन नहीं उभरती. बयान बरसाती जुबां को जैसे इस मुद्दे पर लकवा मार गया. कहीं कोई हरकत नहीं. अगर सीने में दिल सही जगह पर धड़कता हो तो ये गुहार बहुत दर्दनाक महसूस होती है.

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पीड़ित लड़की ने की थी आत्मदाह की कोशिश
(फोटो: एएनआई)
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एक साल से इंसाफ मांग रही है लड़की

करीब एक साल हुआ इंसाफ की बाट जोहते-जोहते. जुर्म को काबू में करने का दावा कर लाठी फटकारती यूपी पुलिस से एक कागज पर कलम नहीं चल पाई, जिसे एफआईआर कहते हैं. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा तो यूपी की दीवारों पर भी लिखा है न...योगीजी, उसके पिता को नहीं बचा पाए, इस बेटी को बचा लीजिए...क्योंकि कम से कम आपके आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के चेहरे की मुस्कुराहट देखकर यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि इंसाफ कहीं आस-पास है. आरोप गैंगरेप का और चेहरे पर एक सलवट, एक शिकन नहीं. क्या ये उस भरोसे के साथ तो मुमकिन नहीं हुआ कि सरकार आरोपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.

कुछ करिए योगीजी, कुछ कहिए...भरोसा दिलाइए...कार्रवाई का....इंसाफ का. सियासी नफा-नुकसान जरूरी होता है....जब चुनाव नजदीक हों तो और भी जरूरी होता है. लेकिन मत भूलिएगा कि चुनाव में वोट लोगों की तरफ से ही आता है. तो गैंगरेप जैसे संगीन अपराध के आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर पर से हाथ हटाइए और कानून को अपना रास्ता तय करने दीजिए. उसी कानून को जिसकी इन दिनों यूपी के हर चौक-चौराहे से, मंचों से, टीवी से, अखबारों से खूब दुहाई दी जाती है.

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