ADVERTISEMENTREMOVE AD

फिरोजाबाद:खराब खाने पर रोते सिपाही का अरोप-मेंटल अस्पताल ले जा रही थी यूपी पुलिस

अपने हाथों में खाने की प्लेट में रोटी, दाल-चावल लेकर सिपाही सड़क पर रोने लगा.

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फिरोजाबाद में पुलिस लाइन के मेस में बने खाने की क्वालिटी को लेकर एक सिपाही के रोने वाला वीडियो वायरल हुआ था. सिपाही ने आरोप लगाया था कि 12 घंटे ड्यूटी करने के बाद भी अच्छा खाना नहीं मिलता है. अब इस मामले में एक और नया मोड़ आ गया है. पुलिस कांस्टेबल ने अपने विभाग पर एक और बड़ा आरोप लगाया है. कांस्टेबल का आरोप है कि फिरोजाबाद पुलिस उसे मानसिक रूप से बीमार घोषित करने के लिए आगरा ले जा रही थी.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, वीडियो में एक कांस्टेबल हाथ में रोटी और खाने की थाली लिए सड़क पर भाग रहा है. कभी वो रोटी दिखाकर रो रहा है तो कभी अपने दाल में पानी होने की बात कह रहा है. कांस्टेबल का नाम मनोज कुमार है.

मनोज कुमार का आरोप है कि पुलिस लाइन की मेस में खराब गुनवत्ता वाला खाना दिया जा रहा है. वायरल वीडियो में रोते हुए कॉन्स्टेबल मनोज कुमार ने कहा,

'आप ही बताइए, यही पोष्टिक आहार मिल रहा है? जब पेट में रोटी नहीं जाएगी तो कहां से हम काम कर पाएंगे. इन रोटियों को आप कुत्तों को डाल दीजिए. क्या आपके बेटे-बेटी ये रोटी खा सकते हैं. मैं केवल यही पूछना चाहता हूं. क्या यूपी में हिंदुस्तान में मानवता जिंदा है? तो बता दीजिए कि यूपी पुलिस के आरक्षियों को सब दबाते जा रहे हैं. कोई सुनने वाला नहीं है, मैं सुबह से भूखा हूं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

रोते हुए कॉन्स्टेबल मनोज कुमार ने कहा, 'कप्तान साहब (SP) आए तो मैंने कहा कि आप इसमें से कम से कम 4 रोटयां खा लीजिए. कम से कम ये पता चले कि आपके सिपाही 12 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं वो ये खाना खा रहे हैं. मुझे धमकी दी जा रही है कि बर्खास्त कर दिया जाएगा औगर थाली जनता के बीच लेकर गया तो. अगर कप्तान साहब पहले सुन लेते तो मुझे यहां आने की जरूरत नहीं होती.'

वहीं फिरोजाबाद पुलिस ने कांस्टेबल मनोज कुमार पर आरोप लगाए हैं कि वो आदतन अनुशासनहीन है. फिरोजाबाद पुलिस ने ट्वीटकर कहा,

"मैस के खाने की गुणवत्ता से सम्बन्धित शिकायती ट्वीट प्रकरण में खाने की गुणवत्ता सम्बन्धी जांच सीओ सिटी कर रहे है. उल्लेखनीय है कि उक्त शिकायतकर्ता आरक्षी को आदतन अनुशासनहीनता, गैरहाजिरी व लापरवाही से सम्बन्धित 15 दण्ड विगत वर्षो में दिये गये है."
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वहीं इस मामले पर कांस्टेबल मनोज का कहना है कि उसे आगरा ले जाया जा रहा था ताकि उसे मानसिक रूप से बीमार घोषित किया जा सके. इसके साथ ही उसने हाथापाई का भी आरोप लगाया है. सिपाही ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि मैं सिर्फ खराब खाने की बात को उठाया था, जिससे सिपाहियों को अच्छा खाना उपलब्ध कराया जा सके. मनोज ने कहा, मैं उत्तर प्रदेश के सीएम से कहना चाहता हूं कि हम लोग आपकी जनता की तन-मन से सेवा करते हैं, कोविड-19 में हम जनता के बीच में थे. मेरा कोई और उद्देश नहीं है, सिर्फ खाना अच्छा मिले सिपाहियों को.

मनोज कुमार ने ये भी आरोप लगाया कि सिटी ऑफिस शिकायत को लेकर दर्ज बयान की कॉपी भी मुंशी ने नहीं दी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×