"विदेश से फंडिंग है कि हिंदू मोहल्ले में जाओ, वहां बसो. लैंड जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है."
"मुस्लिम समुदाय को यहां नहीं रहने देंगे. जो हमें करना होगा हम करेंगे.
"हम मर जाएंगे- कट जाएंगे, लेकिन इन्हें यहां नहीं रहने देंगे."
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में एक मुस्लिम शख्स द्वारा हिंदू बाहुल्य कॉलोनी में घर खरीदने पर बवाल मच गया. स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया.
स्थानीय और कुछ हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी कि कॉलोनी में मुस्लिम परिवार को बसने नहीं दिया जाएगा. मामला भरतिया कॉलोनी का है.
मकान में कथित तौर पर नमाज पढ़ने पर विवाद
दरअसल, पूरा विवाद कथित तौर पर शुक्रवार, 6 सितंबर को मकान में नमाज पढ़ने को लेकर शुरू हुआ था. शिवसेना नेता बिट्टू सिखेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि "हमारे लोगों ने मकान से 50-60 लोगों को नीचे उतरते देखा था और यहां नमाज पढ़ी गई थी. जिसका हम विरोध करते हैं."
स्थानीय लोगों का भी आरोप है कि घर के अंदर बड़ी संख्या में लोग जुटे थे और नमाज पढ़ रहे थे. स्थानीय अरविंद शर्मा ने कहा, "यहां पर ऊपर इन्होंने एक मंच बना रखा है. कोई संगठन खड़ा करने की तैयारी चल रही है. संगठन बनाना, नमाज पढ़ाना- इनका ये काम यहां चल रहा है."
उन्होंने आगे कहा, "यहां पर करीब 35 लोग रह रहे थे. रात में हमें 15-20 आदमी मिले. वो लोग सफाई का बहाना कर रहे थे. इन लोगों ने अंदर मंच पर बैनर लगा रखा था और वहां पर नमाज पढ़ रहे थे."
हालांकि, घर के मालिक एडवोकेट राव नदीम ने इन आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, "30-40 लोगों की जो बात कही जा रही है, ऐसा कुछ भी नहीं है. न वहां पर नमाज पढ़ी गई है और न वहां पर लोग थे."
इससे पहले फोन पर बात करते हुए नदीम ने बिट्टू सिखेड़ा पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा, "3 मजदूर कंस्ट्रक्शन के काम में लगे थे. वो गरीब लोग हैं. 3 पुरुष और एक महिला थी. महिला मजदूरों के लिए खाना बनाने का काम करती थी. उनके साथ बिट्टू सिखेड़ा ने मारपीट की है. करीब 100 आदमी लेकर वो मकान में घुस गया और इस तरह की हरकत की है."
मकान में साफ-सफाई का काम करने वाली महिला शायरा ने कहा, "हम मजदूरी के लिए आए थे. साफ-सफाई का काम करते हैं. हमें यहां आए हुए एक महीना भी नहीं हुआ है."
वहीं दूसरी महिला शमा परवीन ने कहा, "हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. हम किराये पर रहते थे. जिन्होंने ये कोठी ली, उन्होंने कहा कि तुम यहां मजदूरी कर लो. हमने कहा कि कर लेंगे. हम अपने बच्चों का पेट पालने के लिए मजदूरी कर रहे हैं. हमें तो यहां आए 8 ही दिन हुआ है."
कविता रानी नाम की स्थानीय महिला ने आरोप लगाते हुए कहा, "यहां पर हिंदू बस्ती बसी हुई है, हम नहीं चाहते कि मुस्लिम यहां पर बसें. बाहर से ये दंगा फैलाने के लिए आए हैं. इनकी सोच बहुत खराब है. इसलिए हम नहीं चाहते कि ये यहां पर बसें."
मुस्लिम परिवार को बसने नहीं देने की बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि "हम मर जाएंगे- कट जाएंगे, लेकिन इन्हें यहां नहीं रहने देंगे."
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "यहां पर ये गोपनीय तौर पर रह रहे हैं. अगर इनके मन में छल-कपट नहीं होता तो सामने खड़े होकर बोलते. रात में क्यों भाग गए. इन्होंने कटिया (अवैध बिजली कनेक्शन) क्यों लगाया. इसका मतलब है कि ये चोरी-छीपे काम करना चाहते हैं. ऐसा इस मोहल्ले में नहीं होगा."
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नदीम ने फर्जी तरीके से घर खरीदा है. साथ ही उनपर बिजली चोरी करने का भी आरोप लगाया है. लोगों का आरोप है पहले मकान में कोई मीटर नहीं लगा था बाद में रविवार को छुट्टी के दिन मिलीभगत करके सुबह-सुबह मीटर लगवाया गया.
मंगलवार को हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोग बिजली विभाग के चीफ के दफ्तर पहुंचे और रोष जताया. लोगों ने जेई से लेकर एसडीओ तक पर कार्रवाई की मांग की है.
शिवसेना नेता बिट्टू सिखेड़ा ने कहा, "कहीं पर भी एक मुस्लिम हिंदू बस्ती में आता है, आप उसका प्रमाण देख लो- रामपुरम खाली हो गया, एक मुस्लिम ने घर लिया था. अंबाविहार भी खाली हो गया, वहां भी एक ही मकान लिया था. योगिंदरपुरी भी खाली हो गया, वहां भी एक ही मकान लिया था."
"ये बर्दाश्त से बाहर है. ये फंडिंग हो रही है. विदेश से फंडिंग है कि हिंदू मोहल्ले में जाओ, वहां बसो. लैंड जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है."
"हम नहीं चाहते कि मुस्लिम परिवार रहे"
भरतिया कॉलोनी में ही रहने वाले विनय बिंदल ने कहा, "यहां पर मंच तैयार किया गया है. आवाम-ए-हिंद के नाम से पोस्टर-बैनर लगे हैं. यहां पर कुछ अलग गतिविधियां दिखाई दी है. हम चाहते हैं यहां पर मुस्लिम परिवार बिल्कुल भी नहीं रहे. भरतिया कॉलोनी हिंदू बाहुल्य क्षेत्र है."
हिंदूवादी नेता धर्मवीर बालियान ने कहा, "मकान में बैनर-पोस्टर लगे हैं और उसे पार्टी कार्यालय बनाया जा रहा था. वहां बकायदा टेबल-कुर्सी लगी थी और बाकी काम चल रहा था."
वहीं वैभव नाम के शख्स ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुसलमान हिंदू बाहुल्य क्षेत्र में मस्जिद बनाने की कोशिश हो रही है.
जानकारी के मुताबिक, मकान मालिक राव नदीम ऑल इंडिया आवाम-ए-हिंद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
मजदूर किसान यूनियन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुक्रम पाल कश्यप ने बताया कि "मकान एडवोकेट राव नदीम का है, जो आवाम-ए-हिंद पार्टी के अध्यक्ष हैं. उनका और हमारी पार्टी का सद्भावना मंच के नाम से गठबंधन है. वह उसका कार्यालय वहां बनाना चाह रहे थे. वहां काम भी चल रहा था."
"बेचने के लिए खरीदा था घर"
मकान मालिक नदीम ने बताया कि उन्होंने बेचने के उद्देश्य से ही मकान खरीदा था. उन्होंने कहा, "मेरा छोटे-छोटे मकानों की खरीद-बिक्री का काम है. लगभग तीन-चार महीने पहले मैंने भरतिया कॉलोनी में मकान खरीदा था. उसे बेचने के उद्देश्य से ही मैंने खरीदा था और बेचने वाला था. लेकिन उससे पहले ही विवाद हो गया."
हिंदू कॉलोनी में मकान खरीदने और लोगों के विरोध प्रदर्शन पर वो कहते हैं,
"भारत में कोई भी नागरिक कहीं भी मकान और जमीन ले सकता है. ये मेरा मौलिक अधिकार है और संविधान इसकी इजाजत देता है. कोई हिंदू भाई भी किसी मुस्लिम बस्ती में मकान ले सकता है, आप उसे कानून के दायरे में नहीं रोक सकते."
इस पूरे विवाद के बीच एडवोकेट नदीन में सोमवार को ये मकान दिलीप शिंदे नाम के शख्स को बेच दिया. इस डील में उन्हें करीब 12-13 लाख का नुकसान भी हुआ है.
क्या उन्होंने दवाब में आकर अपना मकान बेच दिया? इस सवाल के जवाब में नदीम कहते हैं, "मेरी एक पार्टी है आवाम-ए-हिंद के नाम से. पिछड़े और अति पिछड़े की तीन-चार पार्टियों का गठबंधन है. हम सद्भावना पर काम कर रहे हैं. हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर चल रहे हैं. मैं नहीं चाहता कि किसी प्रकार से देश में इस तरह का विवाद हो. हमारी सद्भावना मंच पर किसी तरह का आरोप लगे. इसलिए मैंने वो मकान बेच दिया."
बता दें कि स्थानीय और हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने दो दिन की मोहलत दी थी और चेतावनी देते हुए कहा थी कि अगर घर किसी हिंदू परिवार को नहीं बेचा गया तो उसपर कब्जा कर लेंगे या धर्मशाला बनवा देंगे.
नदीम को घर बेचने वाले ने क्या कहा?
जानकारी के मुताबिक, उन्होंने अशोक भारती नाम के शख्स से ये मकान खरीदा था. अशोक पर करीब 80 लाख का कर्ज था और उनकी आर्थिक स्थिति खराब थी. जिसकी वजह से वो मकान बेचना चाहते थे.
अशोक भारती ने बताया, "कुछ लोग मेरा मकान हथियाना चाह रहे थे. मेरे पर बैंक का लोन था. मैं पांच साल से परेशान था. मैंने लोगों के पैर पकड़े. मैं लोगों के आगे जा-जाकर रोया. लोग कहते थे कि तुम तो भंगी हो. तुम्हारे मोहल्ले में कौन मकान लेगा. यहां तो चमार रहते हैं, छोटी कौम के लोग रहते हैं. मैंने न जाने कितने लोगों के पैर पकड़े. मैंने बीजेपी के एक बड़े नेता से भी खुशामद की. लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया."
अशोक भारती ने 25 जून को अपना मकान नदीम को बेच दिया था.
वहीं ताजा विवाद पर वो कहते हैं, "जिन लोगों को आज दिक्कत हो रही है, उन्होंने क्यों नहीं मकान खरीदा. मैं तो पांच साल से मकान बेचना चाह रहा था. हजारों लोगों को मैंने मकान दिखाया, लेकिन सब ने मना कर दिया."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)