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बबीता की नौकरी अंकिता को! WB SSC Scam क्या है,जिसमें ममता के पार्थ हुए गिरफ्तार?

ED ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 करोड़ कैश बरामद करने का दावा किया है

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पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले (WB SSC Scam) की जांच की आंच अब ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) के मंत्रियों तक पहुंच गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को 26 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है. इससे पहले ED ने शुक्रवार, 22 जुलाई को पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) के घर से 20 करोड़ कैश बरामद करने का दावा किया था. जिसके बाद अर्पिता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

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पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत में भूचाल आ गया है. चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला? CBI और ED किन-किन मामलों की जांच कर रही है? पार्थ चटर्जी क्यों गिरफ्तार हुए? कौन हैं अर्पिता मुखर्जी?

क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के तार 2014 और 2016 में हुए शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा है. नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाते हुए दो कैंडिडेट्स ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसके बाद भर्ती में अनियमितता का खुलासा हुआ था.

  • 2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग ने शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा ली थी. इस परीक्षा के तहत 20 उम्मीदवारों का चयन होना था.

  • 2017 में इस परीक्षा का रिजल्ट आया. सिलीगुड़ी की बबीता सरकार का नाम टॉप 20 में आया, लेकिन आयोग ने ये लिस्ट रद्द कर दी.

  • इसके बाद आयोग ने नई लिस्ट जारी की, जिसमें बबीता का नाम वेटिंग लिस्ट में चला गया.

  • नई लिस्ट में बबीता से 16 नंबर कम पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर आ गया. अंकिता मंत्री परेश अधिकारी की बेटी हैं.

  • इसके खिलाफ बबीता समेत दो उम्मदीवारों ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मार्कशीट से भर्ती में धांधली का खुलासा हुआ.

  • हाई कोर्ट ने अंकिता अधिकारी को नौकरी से हटाकर बबीता सरकार को नौकरी पर रखने के आदेश दिए. इसके साथ ही अंकिता से वेतन वसूली के भी आदेश दिए.

  • हाईकोर्ट ने कथित घोटाले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने ग्रुप-डी और ग्रुप-सी पदों पर नियुक्तियों में अनियमितता पाई थी. समिति ने कहा था कि ग्रुप-सी में 381 और ग्रुप-डी में 609 नियुक्तियां अवैध रूप से की गई थीं.

  • कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में घोटाले में शामिल तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की थी.

  • हाईकोर्ट ने कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद इस मामले की जांच CBI को सौंप दिया.

CBI और ED किन-किन मामलों की जांच कर रही है?

कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सीबीआई पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई घोटाले की जांच कर रही है. वहीं ED इस मामले से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग की तफ्तीश में जुटी है.

पार्थ चटर्जी क्यों हुए गिरफ्तार?

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के समय पार्थ चटर्जी प्रदेश के शिक्षा मंत्री थे. चटर्जी 2014 से 2021 तक राज्य के शिक्षा मंत्री रहे. इस मामले में सीबीआई ने उनसे दो बार पूछताछ की है. पहली पूछताछ इस साल 25 अप्रैल को हुई. वहीं दूसरी पूछताछ 18 मई को हुई. पूछताछ के बाद CBI ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज कराई. जांच एजेंसी की शिकायत के बाद मामला ED के हाथ में चला गया.

कौन हैं अर्पिता मुखर्जी?

मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जाने वाली अर्पिता मुखर्जी के घर पर शुक्रवार को ED ने छापा मार था. उनके घर से 20 करोड़ के करीब कैश बरामद होने का दावा किया गया था. ईडी ने छापे के दौरान अर्पिता के घर से 20 फोन भी जब्त किए हैं. अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अर्पिता उन फोन के जरिए क्या करती थीं, लेकिन ईडी ने उन्हें भी अपनी जांच में शामिल किया है.

अर्पिता मुखर्जी ओडिया, तमिल और बांग्ला फिल्मों में काम कर चुकी हैं. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में ज्यादातर साइड रोल ही किए हैं. अर्पिता मुखर्जी बांग्ला फिल्मों के सुपरस्टार प्रोसेनजीत और जीत की फिल्मों में भी नजर आ चुकी हैं.

इसके साथ ही अर्पिता 2019 और 2020 में पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा समिति के प्रचार अभियानों का चेहरा भी रह चुकी हैं. चटर्जी दक्षिण कोलकाता में लोकप्रिय दुर्गा पूजा समिति नकटला उदयन संघ का संचालन करते हैं. यह कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा समितियों में से एक है.

बीजेपी-TMC आमने-सामने

पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी ममता सरकार पर लगातार हमला बोल रही है. दिल्ली में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "बंगाल में चोर शोर मचा रहे हैं. ताकि उनकी चोरी का सबूत लोगों तक न पहुंचे. साथ ही जांच एजेंसियों को बदनाम करने की कोशिश भी की जा रही है." इसके साथ ही उन्होंने कहा,

"ED और अन्य जांच एजेंसियों द्वारा एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की अवैध संपत्ति को मुख्यधारा में वापस लाया गया है. हम उन नेताओं के पाखंड को बेनकाब करना चाहते हैं जो जांच एजेंसियों को डराने और जांच की प्रक्रिया को पटरी से उतारने की पूरी कोशिश करते हैं."

बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि अरेस्ट तो होना ही था. हजारों करोड़ का घोटाला हुआ है, ये तो केवल कण मात्र है. वहीं टीएमसी नेता के करीबी के घर से बरामद 20 करोड़ रुपये की रकम को लेकर उन्होंने कहा कि मंत्री के आसपास के दूसरे लोगों ने और कितने करोड़ छिपाए हुए हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए.

वहीं शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया, "दाग धोने की बहुत कोशिश की, लेकिन जिद्दी दाग हैं, इतनी आसानी से धुलेगा नहीं."

पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद से तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पूरे मामले से दूरी बना ली है. पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि जिनके घर से पैसे मिले हैं उनका पार्टी से कोई संबंध नहीं है. इन पैसों के बारे में वही सफाई देंगी.

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