बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि विवाद के वक्त बार-बार एक नाम सामने आता था- सुन्नी वक्फ बोर्ड.
अभी हाल में उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्फ संपत्तियों के सर्वे का फैसला किया, बहुत लोग नाराज हुए, बहुत लोग खुश हुए कि मुसलमानों पर एक्शन हो रहा है.
अब आपके मन में भी सवाल होगा कि ये आखिर वक्फ (Waqf) क्या है? इसका मुसलमानों से क्या रिश्ता है? क्यों बार-बार विवादों में वक्फ का नाम आता है? वक्फ की प्रोपर्टी क्या होती है?
ऐसे ही सवालों के जवाब आसान शब्दों में समझाने के लिए हम लेकर आए हैं.. नई सीरीज Quint Explainer- आसान भाषा में.
सबसे पहले एक रोचक फैक्ट
भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी वक्फ के पास है. आप कहेंगे इतनी संपत्ति, मतलब बहुत अमीर हैं. अब कितने अमीर हैं. इस पर बात वीडियो में आगे करेंगे, लेकिन पहले एक-एक कर बेसिक्स बताते हैं.
वक्फ क्या है?
वक्फ अरबी शब्द है, मतलब होता रोकना. इस्लामिक नजरिए से कहें तो वैसी चीज, संपत्ति जो लोगों के हित के लिए अल्लाह के नाम पर दान की जाती है. चैरिटी. इसे ऐसे समझिए — आपके पास कोई जमीन है और चाहते हैं कि वो लोगों के काम आए तो आप उसे दान करते हैं, और वक्फ प्रॉपर्टी में शामिल करवाते हैं. इस जमीन पर हॉस्पिटल, स्कूल, कॉलेज, कब्रिस्तान, मुसाफिरों के लिए आश्रम बना सकते हैं. जो लोगों के काम आए.
वक्फ का मुसलमानों से क्या लेना-देना?
इसका जवाब इस्लामिक इतिहास से जुड़ा है. पैग़म्बर मोहम्मद के जमाने में दान का कॉन्सेप्ट मिलता है. इस्लामिक हिस्ट्री के मुताबिक हजरत उमर को खैबर की लड़ाई में जमीन का एक टुकड़ा मिला, जिसके बारे में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद से पूछा कि क्या करना चाहिए, मोहम्मद साहब ने कहा कि इसको इसी तरह रखिए और इससे होने वाले फायदे दान में दें, जिससे लोगों को फायदा पहुंचे.
लेकिन इसके लिए कुछ शर्त भी रखी गई. जैसे-
इसे बेचा नहीं जाएगा.
किसी को विरासत में नहीं दिया जाएगा
अब अगर आपने कोई संपत्ति चैरिटी में दे दी तो वो वापस नहीं ले सकते हैं. कोई ये नहीं कह सकता ये मेरे दादा की जमीन है मुझे वापस चाहिए. रही बात बेचने की तो वक्फ संपत्ति को बेच नहीं सकते हैं लेकिन उसे किराए पर या लीज पर दिया जा सकता है, लेकिन उसके लिए भी नियम कानून हैं.
क्या वक्फ की कोई कानूनी मान्यताएं हैं?
जवाब है हां, पहली बार 1954 में संसद में वक्फ एक्ट पास किया गया था. लेकिन 1995 में इसे निरस्त कर एक नया वक्फ एक्ट बनाया गया. इस एक्ट का मकसद था कि वक्फ प्रॉपर्टी को संभालने वाली वक्फ बोर्ड को ज्यादा पावर दिए जाएं.
वक्फ बोर्ड क्या है और काम क्या करता है?
इसे इस तरह समझिए, आपकी सोसाइटी या मुहल्ले में मेंटेनेंस के लिए RWA या कोई कमेटी होती है वैसे ही भारत सरकार ने वक्फ प्रॉपर्टी के रखरखाव के लिए वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ काउंसिल का सिस्टम बनाया. आसान भाषा में कहें तो वक्फ बोर्ड का काम है वक्फ की संपत्ति का रिकार्ड रखना, वक्फ की संपत्ति से आने वाली आमदनी का हिसाब रखना. चेक करना कि आमदनी और संपत्ति का इस्तेमाल सही जगह हो रहा है कि नहीं.
क्या मुसलमानों की हर दान की हुई प्रॉपर्टी वक्फ हो जाएगी?
जवाब है नहीं, इसका पूरा प्रोसेस है. कोई प्रॉपर्टी वक्फ के तहत तब ही आएगी जब उसके लिए वक्फनामा या कहें एग्रीमेंट तैयार होगा. जिसमें बताना होगा कि किस मकसद से आप दान कर रहे हैं. फिर वक्फ बोर्ड सर्वे करता है. फिर बाकी कागजी काम, जैसे सरकार के रिवेन्यू रिकॉर्ड में लिस्ट कराना.
वक्फ बोर्ड कितना अमीर?
भारत सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को डिजीटल करने के लिए वक्फ एसेट मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) प्रोजेक्ट शुरू किया था. ऑनलाइन वक्फ की संपत्तियों की जानकारी आप इनटरनेट पर जाकर wamsi.nic.in पर देख सकते हैं.
30 सितम्बर 2022 तक की गई इंट्री के मुतबिक देशभर के 32 वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 3,54,628 वक्फ एस्टेटस, 8,58,233 अचल यानी immovable और 16,628 चल यानी movable property हैं.
आसान भाषा में कहें तो immovable संपत्ति मतलब कोई घर, जमीन, ऑफिस. मूवेबल प्रॉपर्टी जैसे पैसे, शेयर, बर्तन या अनाज.
वक्फ पर काम कर रहे पत्रकार अफरोज आलम साहिल बताते हैं कि वक्फ प्रॉपर्टी की असल संख्या कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि देश में बहुत सी प्रॉपर्टी लिस्ट में दर्ज नहीं हैं. साथ ही वक्फ प्रॉपर्टी पर लगातार कब्जे होते रहे हैं.
30 सितम्बर 2022 तक की गई इंट्री के मुताबिक कुल 8,58,233 अचल संपत्तियों में से 57,486 वक्फ प्रॉपर्टी पर गैर-कानूनी कब्जा है. और करीब 4,35,417 वक्फ प्रॉपर्टी की कोई जानकारी ही नहीं है.
नोट- 01 अक्टूबर 2022 को WAMSI की वेबसाइट पर वक्फ एस्टेट्स घटकर 220,442 वक्फ एस्टेट्स, 762,595 अचल संपत्ति हो गई है.
क्या वक्फ की संपत्ति सिर्फ मुसलमानों के लिए हैं? इसके जवाब में अफरोज आलम साहिल कहते हैं कि नहीं, ऐसा पूरी तरह से नहीं कह सकते हैं. वक्फ की जमीन पर बने यूनिवर्सिटी और अस्पताल से कोई भी फायदा ले सकता है.
क्या वक्फ बोर्ड चाहे तो किसी की भी संपत्ति पर कब्जा कर सकता है?
दरअसल, ये दावा भ्रामक है. वक्फ एक्ट के नियमों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड सिर्फ उस संपत्ति पर दावा कर सकता है जो इस्लाम धर्म को मानने वाले किसी शख्स ने धार्मिक काम के लिए दान में दी हो. वक्फ के पास गैर-मुस्लिमों की संपत्ति, यहां तक कि किसी मुस्लिम की निजी संपत्ति पर दावा करने का अधिकार नहीं है.
और अगर वक्फ को कोई ऐसा कारण लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की है, तो वक्फ बोर्ड नोटिस भेज सकता है. और फिर जिस संपत्ति को वक्फ बोर्ड ने अपना बताया है उसके लिए वक्फ ट्राइब्यूनल में मामला जाएगा. बाय द वे, ट्राइब्यूनल कोई मुहल्ले के पंच नहीं है, बल्कि इसमें प्रशासनिक अधिकारी होते हैं. ट्राइब्यूनल में कौन लोग होंगे, इसका फैसला राज्य सरकार करती है. इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय से प्रशासनिक अधिकारी हो सकते हैं.
ये तो हुई वक्फ की बात, लेकिन अगर आप चाहते हैं कि हम और भी किसी अहम मुद्दे को आसान भाषा में समझाएं तो आप अपने सजेशन जरूर लिखकर हमें भेजें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)