2014 विकास के नाम पर लड़ा गया था, लेकिन लगता है 2019 ध्रुवीकरण को लेकर लड़ा जाएगा. फिलहाल, बीजेपी पर दो मजबूत व्यक्तियों (पीएम मोदी और अमित शाह) का शासन है जिनसे हर कोई डरता है. कोई भी अपनी चिंताओं को उनके सामने जाहिर नहीं करता.शिवम शंकर सिंह
हाल ही बीजेपी से इस्तीफा देने वाले शिवम शंकर सिंह ने पार्टी छोड़ने की कई वजहें गिनाई. वो साल 2013 में बीजेपी से जुड़े थे. लेकिन अब उन्हें लगता है कि बीजेपी जिस वादे के साथ सत्ता में आई थी, उसे पूरा करने में वो पूरी तरह से नाकाम रही.
इस्तीफा देने के बाद शिवम ने एक आर्टिकल लिखा था जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ. इसमें उन्होंने पार्टी छोड़ने के कारणों की विस्तार से चर्चा की. अपने लेख में शिवम ने बीजेपी की अच्छी और बुरी बातों के बारे में बताते हुए ‘घिनौनी’ राजनीति की बातों का भी जिक्र किया.
शिवम का कहना है कि ये बातें देश को आत्मा को नुकसान पहुंचा रही हैं. उन्होंने लिखा कि बीजेपी देशहित को ताक पर रखकर अपना फायदा देख रही है जिसका मैं समर्थन नहीं कर सकता. इसीलिए मैं बीजेपी से इस्तीफा दे रहा हूं.
द क्विंट के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने इसे दोहराया.
मैं जून 2013 में बीजेपी में शामिल हुआ जब मोदी लहर ऊंचाई पर थी. यूपीए -2 सरकार के खिलाफ बहुत सारे भ्रष्टाचार के आरोप थे. उस समय नरेंद्र मोदी ने एक भरोसेमंद विकल्प दिया. साल 2014 में विकास को लेकर जो वादे किए गए थे सरकार उसे पूरा करने में नाकाम रही. वो कई योजनाएं लेकर आए लेकिन असफल रहे. पार्टी के सदस्य और कार्यकर्ता- हम सभी इस बारे में बात करते हैं लेकिन इसे लेकर कुछ भी नहीं किया गया. जैसे-जैसे हम 2019 तक पहुंच रहे हैं विकास नीचे की ओर जा रहा है.शिवम शंकर सिंह
उन्होंने और भी कई मुद्दों पर बातचीत की.
'इलेक्टोरल बाॅन्ड एक गंभीर मुद्दा है'
इलेक्टोरल बाॅन्ड एक बड़ा मुद्दा है. इसमें छिपा सीरियल नंबर का मुद्दा भी गंभीर है. ये इलेक्टोरल बाॅन्ड किसी पार्टी को बिना पहचान बताए चंदा देने में मदद करता है जबकि द क्विंट ने जो खुलासा किया उसके मुताबिक इसमें एक सीक्रेट छिपा हुआ नंबर है. यानी सरकार जानती है कि कौन सी कॉर्पोरेट कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया. जो इसे बेनाम बताने के उद्देश्य की पूरी तरह से खिलाफ है.शिवम शंकर सिंह
'विकास पर भारी ध्रुवीकरण'
उन्होंने कहा अब बीजेपी के पास सिर्फ धार्मिक ध्रुवीकरण का सहारा लेने का विकल्प है ताकि हिंदू एकजुट होकर बीजेपी को वोट दें. उनके पास अब विकास का कोई मैसेज नहीं है. विकास के नाम पर कोई भी बीजेपी को मतदान नहीं करेगा.
कार्यकर्ताओं से की अपील
सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को पार्टी के नेताओं के सामने इन सवालों को उठाना चाहिए. उन्हें सामने आकर कहना चाहिए और कि वे पार्टी का समर्थन करना बंद कर देंगे. अब बहुत हो गया. ध्रुवीकरण का एजेंडा जो आगे भी फैलने जा रहा है, कम से कम पार्टी के जवाबदेह लोगों को उसका साथ नहीं देना चाहिए. किसी भी चरमपंथ के समर्थन को लेकर कही जाने वाली बात को लेकर कोई विकल्प नहीं हो सकता. अगर आप एक विकल्प चाहते हैं तो बाहर निकलें और इसे खुद बनाएं.शिवम शंकर सिंह
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