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इलेक्शन एक्सप्रेस: गुजरात में आखिर दो दिन में कैसे बदल गई तस्वीर

विधानसभा के नतीजों के बाद, क्या कहते हैं आंकड़ें और क्या कहता है जनता का पोल?

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गुजरात में आए नतीजों के बाद बीजेपी को एक बार फिर जीत मिली है और वहीं कांग्रेस को मिली थोड़ी बढ़त के क्या मायने हैं? नतीजों से जुड़ी कुछ इसी तरह की बातों पर क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने सीएसडीएस के डायरेक्टर संजय कुमार से चर्चा की. आइए इस चर्चा पर एक नजर डालते हैं.

संजय कुमार कहते हैं कि कांग्रेस जब हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही थी, तब कुछ उल्टा ध्रुवीकरण भी हुआ जिसकी वजह से अपर कास्ट बीजेपी की तरफ जा रही थी. उन्होंने बताया कि सीएसडीएस की स्टडी में ये सामने आया है कि कांग्रेस को जो पाटीदार, ठाकोर और दलित के वोट शेयर मिलने की उम्मीद थी वो वोट बंटे रहे. यही वजह है कि बीजेपी का वोट प्रतिशत 2% ऊपर गया है.

क्विंट के डायरेक्टर ने जब चुनाव से पहले कांग्रेस की स्थिति के बारे में बात की तो संजय कुमार ने कहा कि जब सीएसडीएस ने तीसरी बार नवंबर में सर्वे किया था, तब कांग्रेस ने बीजेपी को बराबर टक्कर दे रखी थी, लेकिन दिसंबर से बीजेपी के तरफ से जब काफी रैलियां और प्रचार हुआ तो स्तिथि काफी बदली और अंतिम दस दिन में काफी बदलाव आया, जो कि सीएसडीएस के एग्जिट पोल में नजर भी आया.

कहा जाता है कि आखिरी दौर में आकर पार्टी कुछ भी करे या किसी तरह का मुद्दा उठाए, लेकिन गुजरात के मामले में ये उलटा हुआ. इस पर सीएसडीएस डायरेक्टर बोले कि गुजरात में 35% मतदाता ऐसे रहे जिन्होंने आखिरी के दो दिनों में वोट देने का फैसला लिया लेकिन दूसरे ज्यादातर राज्यों में ये संख्या 15-16% होती है, इसिलए गुजरात में आखिरी दौरे के प्रचार का फाफी असर पड़ा.

नतीजों से जुड़े इसी तरह के सवाल और जवाब जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.

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