"समिति की महिला सदस्यों ने हमारी गवाही सुनकर आंसू बहाने शुरू कर दिए थे. उन्होंने हमें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया, अब वह न्याय कहां है? सूत्र हमें बताते हैं कि उनकी रिपोर्ट में हमारे बयानों के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है- तो क्या आपके आंसू झूठे थे?"
ये सवाल है दिल्ली के जंतर-मंतर पर अन्य पहलवानों के साथ धरने पर बैठीं ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक का. क्विंट हिंदी ने साक्षी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें उन्होंने पहलवानों के प्रदर्शन से जुड़ी कई चीजों पर खुलकर बात की और अपना दर्द सामने रखा.
साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया अन्य पहलवानों के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं. इससे पहले जनवरी में भी पहलवानों ने जंतर मंतर पर धरना आयोजित किया था. उन्होंने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धमकी देने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. इसके बाद खेल मंत्रालय ने एक जांच समिति का गठन किया और विरोध रुक गया.
अब तीन महीने एक बार फिर से खिलाड़ियों ने धरना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में यौन शोषण की शिकायत देने के बावजूद पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है.
'वे सत्तारूढ़ पार्टी (BJP) से हैं... उन्हें समर्थन मिल रहा है'
विरोध प्रदर्शन के तीसरे दिन क्विंट हिंदी से खास बातचीत में, साक्षी ने इस मामले में बाहरी प्रभाव होने का आरोप लगाया. साक्षी ने कहा,
“वे सत्तारूढ़ पार्टी (BJP) से हैं. हम पहलवान हैं, राजनेता नहीं- हम आंतरिक राजनीतिक मामलों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, लेकिन निश्चित रूप से उन्हें (बृजभूषण शरण सिंह के लिए) समर्थन मिल रहा है. यही कारण है कि अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है"
आगे जांच समिति पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए, उन्होंने कहा, "समिति की महिला सदस्यों ने हमारी गवाही सुनकर आंसू बहाने शुरू कर दिए थे. उन्होंने हमें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया, अब वह न्याय कहां है? सूत्र हमें बताते हैं कि उनकी रिपोर्ट में हमारे बयानों के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है- तो क्या आपके आंसू नकली थे?"
"उन्होंने राजनीति की, हम उन पर दोबारा भरोसा नहीं करेंगे"
इस बीच, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने पुष्टि की है कि वे WFI के मामलों की देखभाल के लिए एक तदर्थ (एडहॉक) समिति का गठन करेंगे, इसके अलावा एक नई कार्यकारी समिति के लिए नए सिरे से चुनाव भी कराएंगे. साक्षी अब अन्य पहलवानों के साथ किसी पर भरोसा नहीं करने के अपने रुख पर कायम हैं.
वे हमें एक ही बात कह रहे हैं कि वे समिति बनाएंगे और डब्ल्यूएफआई का संचालन IOA द्वारा किया जाएगा. हम अब किसी पर भरोसा नहीं कर सकते क्योंकि पिछली बार हमने किया था और 3 महीने बर्बाद हो गए. फेडरेशन अभी भी पहले की तरह ही चल रहा है.क्विंट हिंदी से बात करते हुए साक्षी मलिक
'उनकी गवाही सुविधा के अनुसार ली गई'
गवाही दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में पूछे जाने पर, साक्षी ने आगे पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा,
“हमारी गवाही वकील के सामने ली गई और कैमरे पर रिकॉर्ड की गई, लेकिन जब बृजभूषण ने समिति से बात की, तो कोई वकील नहीं था. कोई नहीं जानता कि इसे रिकॉर्ड भी किया गया था या नहीं. उनकी गवाही सुविधा के अनुसार ली गई.”
उन्होंने कहा कि “पिछली बार, उन्होंने हमारे साथ राजनीति की थी. इस बार लिखित में कुछ दिए जाने तक हम विरोध खत्म नहीं करेंगे. हम सच्चाई के लिए लड़ रहे हैं, और इसमें समय लग सकता है, सच्चाई हमेशा अंत में जीतती है."
'मीडिया हमें नहीं दिखा रहा'
मीडिया पर बोलते हुए साक्षी ने कहा कि हम तो यहां 24 घंटे बैठे रहते हैं, इसलिए हमें नहीं पता, लेकिन घर वाले बताते हैं कि आपकी खबर टीवी पर नहीं दिखाई जाती, या बहुत कम दिखाई जाती है, जबकि हम तो दिन भर मीडिया से बात करते हैं.
उन्होंने बातचीत में फिर एक बार लोगों से समर्थन देने की अपील भी की. साक्षी ने ये भी कहा कि बाकी राजनीतिक दल हमें समर्थन दे रहे हैं, और हमें इससे कोई ऐतराज नहीं है. जब वे मेडल जीतने पर हमारा सम्मान करने आते हैं तो जरूरत के समय भी आ सकते हैं.
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