ये बजट किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा है. सरकार जान चुकी है हिंदु-मुसलमान करके चुनाव जीता जा सकता है. इसलिए इस बजट में सरकार ने किसान को कुछ नहीं दिया. ये कहना है स्वराज इंडिया के कन्वेनर और किसान नेता योगेंद्र यादव का.
गुरुवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट 2018 पेश किया. मोदी सरकार का यह पांचवां बजट है. ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस बजट को मोदी सरकार के लिए बहुत अहम माना जा रहा है. लेकिन योगेंद्र यादव का मानना है कि सरकार ने किसानों के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं किया.
योगेंद्र यादव ने क्विंट से बात करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने इस बजट में बीमा, मनरेगा, सिंचाई, आपदा की स्थिति में किसान को मुआवजा जैसे मुद्दों पर एक शब्द भी नहीं बोला.
यहां तक कि किसानों के कर्ज मुक्ति और फसल के सही दाम के सवाल को बिल्कुल नकार दिया. वित्त मंत्री ने झूठ बोला. मुझे अफसोस के साथ बोलना पड़ रहा है कि देश के वित्तमंत्री झूठ बोलते हैं.योगेंद्र यादव, कन्वेनर, स्वराज इंडिया
बजट में किसानों के लिए अच्छी बात क्या है
सरकार ने इस बजट में ऐसी कौन सी अच्छी घोषणाएं की हैं, ये सवाल पूछने पर योगेंद्र यादव ने कहा कि एक अच्छी बात ये थी कि मछली पालन और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये आवंटित करने की बात की गई है.
ऑपरेशन ग्रीन के लिए 500 करोड़ रुपये
अरुण जेटली ने इस बजट में ऐलान किया कि सरकार आलू, प्याज और टमाटर के उत्पादन के लिए ऑपरेशन ग्रीन चलाएगी. इसके लिए उन्होंने 500 करोड़ रुपये के बजट फंड का ऐलान किया.
इस पर योगेंद्र यादव ने कहा जब सरकार नाकाम होती दिखती है, तो वो ऐसी ही स्कीम की बात करती है. इतने बड़े बजट में आलू और प्याज की खेती करने वाले किसान के लिए 500 करोड़ रुपये देना ऊंट के मुंह में जीरा ही कहा जा सकता है.
ये भी पढ़ें- गांव-गरीब को टारगेट कर बनाया गया ‘चुनावी’ बजट: संजय पुगलिया
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)