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बीजेपी का ‘परमबीर प्रहार’, मैदान में खुद शरद पवार

अधिकारी नहीं अब वार-पलटवार की जद में आ गए शरद पवार और सवाल है बचेगी या नहीं बचेगी उद्धव सरकार?

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मुंबई की एक पॉश सड़क से उठा एक बवंडर अब महाराष्ट्र के सियासी महलों और मराठा क्षत्रपों को भी अपनी आगोश में ले चुका है. नीचे के अधिकारी नहीं अब वार-पलटवार की जद में आ गए हैं सीधे शरद पवार और सवाल है बचेगी या नहीं बचेगी उद्धव सरकार...लेकिन मायानगर में घट रही इस सियासी-क्राइम थ्रिलर के क्लाईमेक्स में अभी वक्त है.

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एंटीलिया के बाहर एक्सप्लोसिव्ह्स मिलने के केस में इंस्पेक्टर के बाद कमिशनर नप गए तो एक लेटर बम फूटा. कमिश्नर ने सीएम चिट्ठी लिख बताया कि गृहमंत्री देशमुख उगाही करवाते थे. अब विपक्ष गृहमंत्री अनिल देश को हटाने की मांग कर रहा है. और कोरस राष्ट्रपति शासन की डिमांड का भी है. जब ऐसा लगा कि ठाकरे सरकार ठिठक गई है तो पवार की पॉवरफुल एंट्री हुई है. अब गठबंधन की तीनों पार्टियां मुक़ाबले के मूड में नजर आ रही हैं. पवार ने लगातार दो दिन प्रेस कांफ्रेंस कर देशमुख का बचाव किया. हॉस्पिटल रिकॉर्ड दिखाकर कहा कि कमिश्नर कर रहे हैं उगाही की बातचीत वाली मीटिंग मिड फरवरी में हुई लेकिन तब तो देशमुख अस्पताल में थे, क्वॉरन्टीन थे. हालांकि पवार ये भी कहा कि मामला गंभीर है इसलिए जांच हो.

हालांकि देवेंद्र फडणवीस ने परसेप्शन का खेल पलटने से पहले ही जल्दबाजी में पवार के दावे को झूठा साबित करने के लिए ट्वीट कर देशमुख का वीडियो रिलीज किया. पूछा कि कोरोनाग्रस्त देशमुख अगर क्वारंटाइन थे तो प्रेस कॉन्फरेंस ले रहा आदमी कौन है. देशमुख ने सफाय़ी दी कि अस्पताल से निकलते वक्त पत्रकारों ने घेर लिया था तो क्या करता.

22 मार्च को देर शाम सीएम उद्धव ठाकरे के आवास पर हुई अघाड़ी को कॉर्डिनेशन की बैठक में तय हो गया कि बीजेपी का बहादुरी से सामना होगा. शिवसेना नेता संजय राउत ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश करोगे तो आग में झुलस जाओगे. कांग्रेस प्रभारी एचके पाटिल ने भी कहा कि किसी के इस्तीफे की जरूरत नहीं है.

उधर बीजेपी भी कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग कर रही है तो लग यही रहा है कि फिलहाल महाराष्ट्र में तख्तापलट नहीं होने वाला. लेकिन जिस तरह से रामदास आठवले, नारायण राणे, राज ठाकरे और प्रकाश अंबेडकर धुआं उठा रहे हैं, उससे लगता है कि आग अंदर-अंदर ही लगी है जो कभी भी भड़क सकती है. फिर देखना होगा कि एमवीए सरकार कैसे फायर फाइटिंग करती है.

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