कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूदा लोकसभा चुनाव में अपनी आखिरी रैली के बाद शुक्रवार को क्विंट के कैमरे पर आए. इस दौरान क्विंट के फाउंडर और एडिटर इन चीफ राघव बहल और एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने राहुल से वो सवाल पूछे जो चुनाव और अगली सरकार को लेकर आपके जेहन में उठ रहे होंगे.
सरकार बनाने को लेकर ये बोले राहुल गांधी
हिमाचल प्रदेश के सोलन में राहुल गांधी ने क्विंट से कहा, ''मैंने पहले से साफ कर दिया है कि सरकार बनाने को लेकर मैं पहले से कुछ नहीं बोलूंगा. जनमत सामने आने के बाद ही मैं कुछ बोलूंगा.’’इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस बार के चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी नहीं बनेगी.
न्याय के सिवा कोई और चारा नहीं: राहुल गांधी
न्याय को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''न्याय के सिवा कोई चारा नहीं है. हमने 90 में एक मॉडल को चलाया. हमने 2004 में इसमें थोड़ा बदलाव किया. इसने 2012 तक काम किया. हम ये समझते हैं कि 1990 का आर्थिक मॉडल 2019 में नहीं चलेगा. मोदी सरकार ने मनमोहन सिंह का मॉडल लिया और उसे लागू किया. नए जमाने में ये फेल हुआ. अब हमें अर्थव्यवस्था को नई नजर से देखना होगा.''
राहुल बोले, हमें इकनॉमी को जंप स्टार्ट देना है
इकॉनमी के मामले पर राहुल ने कहा, ''हमें ये बताना है कि अब इस देश में बेरोजगारी कोई मुद्दा नहीं रहेगा. हमें इकनॉमी को जंप स्टार्ट देना है. इकॉनमी में लेन-देन हो तो ठीक रहता है, नरेंद्र मोदी ने इसे बंद करा दिया. मोदी कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी हैं, लेकिन उन्होंने इकनॉमी को नुकसान पहुंचा कर राष्ट्र के खिलाफ काम किया.''
क्विंट के साथ इंटरव्यू में ये बोले राहुल गांधी
- हेल्थकेयर के बारे में नए सिरे से सोचने की जरूरत है. बड़ी आबादी की वजह से हम ग्लोबल हेल्थकेयर के लिए मिसाल बन सकते हैं
- रेलवे में बड़ा बदलाव कर हम ट्रांसपोर्ट सेक्टर को पूरी तरह बदल सकते हैं
- जैसे UAE के लिए तेल है, उसी तरह हमारे लिए डेटा है
- भारत एक व्यक्ति के भाषण से नहीं चलता, ये पूरे देश की राय लेकर चलता है
- नरेंद्र मोदी का तरीका ये है कि किसी से राय नहीं लेनी. वो एक्सपर्ट्स को सलाह दे रहे हैं कि बादल में स्ट्राइक करनी चाहिए
- मोदी ने चीन के सामने घुटने टेके, विदेश नीति पर मोदी ने एक्सपर्ट्स की राय नहीं ली
राहुल ने बताया विदेश नीति में भारत के सामने क्या हैं चुनौतियां
- एक तरफ सुपरपावर अमेरिका है
- दूसरी तरफ उभरता हुआ सुपरपावर चीन है
- भारत को समझना होगा कि हमारा रोल ग्लोबल है. ये किसी का शैडो बनकर नहीं चल सकता है
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