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स्वामी अग्निवेश EXCLUSIVE: लिंचिंग पर क्यों चुप हैं पीएम मोदी?

स्वामी अग्निवेश ने स्थानीय प्रशासन पर लगाए संगीन आरोप

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वीडियो एडिटर- मोहम्मद इरशाद आलम

झारखंड के पाकुड़ में मारपीट का शिकार हुए स्वामी अग्निवेश ने क्विंट को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में स्थानीय प्रशासन पर कई संगीन आरोप लगाए हैं. 17 जुलाई को अग्निवेश के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी. ये पूरा वाकया वीडियो में कैद हुआ था. इस हमले का आरोप भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्यों पर लगा.

स्वामी अग्निवेश ने क्विंट को बताया, “मैंने भीड़ के सामने हाथ जोड़े लेकिन 100-150 की भीड़ ने मेरी एक नहीं सुनी.”

मैंने जब गुस्साई भीड़ को अपनी तरफ बढ़ते देखा तो मैंने उनके सामने हाथ जोड़कर पूछा कि क्या दिक्कत है. लेकिन अगले ही पल उन्होंने मुझे पीटना शुरू कर दिया. कपड़े फाड़ दिए और मुझे दो फुट गहरे गड्ढे में फेंक दिया. ये हत्यारी भीड़ जैसे ही हालात थे. मुझे जिंदा बचने की कोई उम्मीद नहीं बची थी. 
स्वामी अग्निवेश, सामाजिक कार्यकर्ता

अग्निवेश ने आरोप लगाया कि झारखंड पुलिस पूरे मामले की जांच में कोताही बरत रही है. एफआईआर में 8 लोगों का नाम दर्ज किया गया. लेकिन, अगले ही दिन उन्हें छोड़ दिया गया. अग्निवेश ने कहा, “आयोजकों ने पुलिस और जिला प्रशासन को मेरे कार्यक्रम की जानकारी दी थी. मैंने एसपी बर्णवाल को फोन करके मेरे साथ हुई घटना के बारे में बताया. लेकिन वो नहीं आए. फिर मैंने डीसी को फोन किया, वो भी आने को तैयार नहीं थे. मैं उनके जवाब से काफी चौंक गया.”

एक आंकड़े के मुताबिक, 2015 से अब तक भीड़ की हिंसा ने 66 जानें ले ली हैं.

20 जुलाई को अलवर में रकबर खान को गोरक्षा के नाम पर कत्ल कर दिया गया. अखलाक और पहलू खान से रकबर तक स्वामी अग्निवेश ने पीएम मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए.

पहलू खान के बाद अब 31 साल के रकबर खान को अलवर में मार डाला गया. मैं मीडिया से रकबर के परिवार की तस्वीरें दिखाने की गुजारिश करूंगा. कोई किसी को ऐसे कैसे मार सकता है? और पीएम मोदी चुप हैं. क्या उन्हें शर्म नहीं है? उनके पास भाषम और मन की बात का वक्त है, वो लिंचिंग के मुद्दे पर क्यों नहीं बोल रहे?
स्वामी अग्निवेश, सामाजिक कार्यकर्ता

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