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#TalkingStalking:थरूर के साथ क्विंट की मुहिम और बुलंद,चुप्पी तोड़ो

स्टॉकिंग पर चर्चा में जुड़े डॉ. शशि थरूर और एडवोकेट करुणा नंदी

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“स्टॉकिंग को लेकर हमारे सांसदों को अपनी सोच महिलाओं के हक में बदलते हुए सख्त कानून बनाने होंगे”, ये कहना था एडवोकेट करुणा नंदी का जो स्टॉकिंग को गैर-जमानती अपराध बनाने की क्विंट की मुहिम के साथ जुड़ी हैं. बुधवार को ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर दिल्ली में हुए कार्यक्रम में करुणा नंदी के अलावा सांसद शशि थरूर, जागोरी एनजीओ प्रमुख गीता नंबीशन, एसिड अटैक से लड़ने वाली लक्ष्मी और स्टॉकिंग का मुकाबला करने वाली वर्णिका कुंडू ने भी हिस्सा लिया.

चुप्पी तोड़ो

आयोजन में मौजूद सांसद डॉ. शशि थरूर ने कहा कि वह इसे संसद में उठाएंगे और प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आएंगे, जिससे इसे एक गैर-जमानती अपराध बनाया जा सके. डॉ. थरूर ने बॉलीवुड से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी में घुली स्टॉकिंग की दिक्कत की तरफ इशारा किया.

स्टॉकिंग एक गंभीर अपराध है. मौजूदा कानून बिना शक नाकाफी हैं.अब वक्त आ गया है कि इस मुद्दे को लेकर आवाज उठानी होगी. वर्णिका कुंडू के मामले से साफ होता है कि ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है. अगर, लोगों की सोच में बदलाव आ जाता है तो ये बड़ी जीत होगी. इस प्रस्ताव को महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के पास लेकर भी जाना चाहिए ताकि सरकार खुद इस पर पहल करे और जरूरी कानून लेकर आए. 
डॉ. शशि थरूर, सांसद

#TalkingStalking के इस खास कार्यक्रम में बोलते हुए एडवोकेट करुणा नंदी ने पूछा कि जब भी महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात होती है तो ही लोग कानून के गलत इस्तेमाल की बात क्यों कहते हैं.

2013 में स्टॉकिंग बिल पास न होने की वजह से  महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना  पड़  रहा है. महिलाओं पर हमले हो रहे हैं. उनके साथ रेप किया जा रहा है. उनकी हत्या की जा रही है. 
एडवोकेट करुणा नंदी

#TalkingStalking क्विंट की बेहद जरूरी और खास मुहिम है ताकि स्टॉकिंग को गैर-जमानती अपराध बनाया जा सके. इस कार्यक्रम में क्विंट के फाउंडर्स राघव बहल और ऋतु कपूर भी मौजूद रहे. #TalkingStalking कैंपेन के जरिए क्विंट अपील करता है कि स्टॉकिंग का सामना करने वाले अपनी बात दुनिया के सामने रखें. आप भी जुड़ें इस कैंपेन से. समर्थन के लिए याचिका पर साइन करें.

ये स्‍टोरी पहली बार TheQuint पर छापी गई थी

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