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यूपी में बीजेपी विधायक ही निभा रहे विपक्ष की भूमिका?

ब्राह्मण-ठाकुर की सियासत भी गरम

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लोकतंत्र का तकाजा है कि विपक्ष सरकार से  सवाल पूछता है. विपक्ष के नेता आरोप लगाते हैं कि पुलिस प्रशासन ठीक से काम नहीं कर रहा. लेकिन अगर सत्ता में बैठी पार्टी के नेता ही सवाल उठाने लगें और वो भी एक दो नहीं थोक के भाव में तो आप क्या कहेंगे. यूपी में कुछ ऐसा ही हो रहा है. बीजेपी के अपने विधायक सरकार, पुलिस और प्रशासन पर दनादन सवाल दाग रहे हैं.

गोरखपुर के बीजेपी विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने लखीमपुर खीरी में एक हत्या के मामले में एक्शन न होने पर यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और यूपी के डीजीपी को फोन किया. जवाब नहीं मिला तो ट्विटर पर ये सवाल दागा. उन्होंने कहा,

“5-5 बार अवनीश अवस्थी और डीजीपी को फोन कर चुका और उन्हें मैसेज भी कर चुका लेकिन उन्हें फुर्सत नहीं है. जब बड़े पुलिस अधिकारियों की यह मानसिकता है तो स्वाभाविक रूप से नीचे के अधिकारी तो...”

अब पता चला है कि आखिर डीजीपी ने अग्रवाल साहब को फोन कर लिया है. हालांकि राधा मोहन के लगातार ट्विटर पर सरकारी अधिकारी के खिलाफ बोलने के बाद पार्टी ने उन्हें नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है.

कई और विधायक भी उठा रहे सवाल

अब चलिए बागपत...बीजेपी के बागपत से विधायक योगेश धामा ने तो आरोप लगाया है कि बागपत पुलिस अपराध रोकने में नाकाम है. बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर की हत्या के मामले में उन्होंने अपनी ही सरकार की पुलिस पर अपराधियों को बचाने का आरोप लगा दिया.

12 अगस्त को इगलास के विधायक राजकुमार सहयोगी ने अपनी व्यथा सुनाई. आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने उनके साथ हाथापाई कर दी. ये मामला इतना बढ़ा कि अलीगढ़ के बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने कई बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. हरदोई में गोपामऊ विधानसभा सीट से विधायक श्याम प्रकाश ने इसी पर ट्वीट किया-

“रामचन्द्र कह गये सिया से ,ऐसा भी दिन आएगा. एक दरोगा mla से तू, तेरे, तुझको कह कर के, हाथ पैर भी तोड़ेगा. योगी जी विधायकों पर कुछ तो कृपा कीजिये.”

अब इस मामले में गाज पुलिस वालों पर गिर चुकी है. एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया और एसपी ग्रामीण का तबादला कर दिया गया. हालांकि बाद में एक वीडियो भी सामने आया जिसे देखकर पता चलता है कि राजकुमार सहयोगी ने भी मारपीट की थी.

ब्राह्मण-ठाकुर की सियासत भी गरम

राज्य में ब्राह्मण-ठाकुर की सियासत भी गरमा रही है. सुलतानपुर के लंभुआ सीट से बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों पर अत्याचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अपनी सरकार से पूछा है कि पिछले तीन सालों में कितने ब्राह्मणों की हत्या हुई है और इन हत्याओं को अंजाम देने वाले कितने लोग पकड़े गए हैं?

ब्राह्मण बनाम ठाकुर के दंगल में बीजेपी के बाहर के नेता भी शामिल हैं. मध्य प्रदेश से हिरासत में लिए गए ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार ब्राह्मणों के पीछे पड़ी है इसलिए उन्हें टारगेट किया जा रहा है.

ये सब देखकर तो यही लग रहा है कि यूपी में नेता और अधिकारियों के बीच ऑल इज नॉट वेल

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