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अज्ञात पार्ट 3: चादर में लिपटी दो लड़कियों की लाशें, 2 साल बाद भी नहीं हुई पहचान

यूपी के शामली में अनसुलझी रह गई दो युवतियों के हत्या की गुत्थी

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(UP में कई ऐसे मामले हैं, जब पुलिस को बुरी तरह क्षत-विक्षत लाश मिली. लाश किसकी थी, किसने हत्या को अंजाम दिया, कुछ पता नहीं चल सका. क्विंट हिंदी ऐसे ही मामलों पर तीन पार्ट की 'अज्ञात' सीरीज लेकर आया है. इस तरह की इन्वेस्टिगेशन आपकी मदद से ही संभव है. क्विंट हिंदी के मेंबर बनकर हमें सपोर्ट करें. मेंबर बनने के लिए यहां क्लिक करें.)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) शामली (Shamli) के जगनपुरा गांव के किसान बाबूराम उस शाम अपने खेत में सिंचाई के लिए पहुंचे थे. नलकूप पर पहुंचने के बाद उनकी नजर जैसे ही खेत की मेड़ की ओर गयी, वह तेजी से उस ओर चल दिए. पास जाने पर उन्होंने बेडशीट में कुछ बिस्तर जैसा लिपटा हुआ पाया. उन्होंने उत्सुकता से उस कपड़े को खोला तो उनकी चीख निकल गयी. बेडशीट के अंदर एक कंबल था और उस कंबल में लपेटी हुई थी दो लड़कियों की लाशें. बाबूराम की चीख सुनकर आसपास खेत में काम कर रहे किसान भी उस ओर दौड़ पड़े.

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हरियाणा-उत्तर प्रदेश राज्यों की सीमा से सटे यूपी के जिले का आखिरी छोर कैराना है. कैराना कस्बे से बाहर निकलते ही हाइवे से सटा एक गांव है जगनपुरा. 20 मई 2020 की शाम को दो जवान लड़कियों की लाशें इसी गांव में एक साथ मिली थीं. पानीपत-शामली नेशनल हाइवे से करीब 2 किलोमीटर दूर जगनपुरा गांव में खड़ी ईख के बीच बाबूराम के खेत में खून से लथपथ यह लाशें पड़ी हुई थी.

खेत के मालिक किसान बाबूराम ने पुलिस को खबर दी तो मौके पर पहुंची पुलिस ने तफ्तीश शुरू की. दोनों लड़कियों की उम्र 20 से 25 साल के बीच थी. उनके सिर में किसी भारी चीज से प्रहार कर उन्हें मौत के घाट उतारा गया था.

पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि दोनों लड़कियों की हत्या गला दबाकर की गयी है. हत्या के बाद उनके सिर पर प्रहार किए गए थे.

एक लड़की के जिस्म पर टॉप-जींस और दूसरे के शरीर पर फ्रॉक थी. इस तरह के कपड़े पहनने का चलन इस इलाके में ना होकर दिल्ली और दिल्ली जैसे मेट्रो सिटीज में है. यानी यह तय था कि ये लड़कियां इस इलाके की नही थीं. दोनों के नैन-नक्श भी अलग थे. पुलिस ने कोशिश की, लेकिन दोनों में किसी की शिनाख्त नहीं हो सकी.

मौके पर पुलिस की फोरेंसिक टीम भी पहुंची और डॉग स्क्वायड को भी वहां लाया गया, लेकिन जिस खेत में लाशें मिलीं वहां पहले से पानी भरा हुआ था. पुलिस ने मीडिया और पोस्टरों के जरिये भी शवों की शिनाख्त करने की कोशिशें की.

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लाशों की बरामदगी के तीसरे दिन पुलिस टीम को मौके से कैराना शहर की आर्यनगर बंजारा बस्ती की ओर जाते कुछ खून के निशान मिले.

पुलिस ने जब उनकी पड़ताल की तो वह एक घर के सामने जाकर खत्म हो गये. यह घर भूरा नाम के एक शख्स का था, जिसकी तलाश में कुछ रोज पहले हरियाणा पुलिस वहां आई थी. मकान पर बाहर से ताला पड़ा हुआ था. पुलिस ने मकान में जांच कराई तो सीढ़ियों की ग्रिल और कमरों में खून के निशान मिले. पुलिस ने खून के सैंपल इकठ्ठे करके लखनऊ फॉरेंसिक लैब में जांच को भेजे, लेकिन सूख चुके खून की सैंपल से कामयाबी का रास्ता नहीं निकल सका.

चंद रोज बाद हरियाणा से करनाल पुलिस की टीम कैराना थाने पहुंची. कैराना पुलिस के साथ बंजारा बस्ती में करनाल पुलिस का छापा पड़ा और भूरा नाम के संदिग्ध ड्रग्स तस्कर के घर से एक महिला और दो युवक गिरफ्तार किए गए.

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अभी तक नहीं मिल सकी कामयाबी

करनाल पुलिस को ड्रग्स तस्करी के मामले में इनकी तलाश थी. गिरफ्तारी के बाद कैराना पुलिस को दोनों लड़कियों की लाशों को लेकर भूरा पर शक हुआ. पड़ताल की गयी तो पुलिस को मकान के अंदर सीढ़ियों पर लगी स्टील की ग्रिल पर खून के निशान मिले. भूरा की मां और पत्नी से भी इस बारे में पूछताछ की गयी, लेकिन लड़कियों के बारे में कुछ भी पुख्ता जानकारी हासिल नहीं हो सकी.

लड़कियों के शवों की तस्वीरों को हरियाणा, यूपी, नेपाल बॉर्डर, बिहार और पश्चिम बंगाल तक चस्पा किया गया, लेकिन अब तक दोनों शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है. पुलिस के पास इसके अलावा लड़कियों की पहचान के लिए कोई रणनीति नहीं है. इसलिए फिलहाल मामले को ठंडे बस्ते में डालकर रख दिया गया है.

अज्ञात पार्ट 1 और अज्ञात पार्ट 2 यहां पढ़ें

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